August 30, 2022

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शक्तिपीठ गोविंदपुर सिंघाड़ा में प्रतिमा निर्माण कार्य का शुभारंभ।

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शक्तिपीठ गोविंदपुर सिंघाड़ा में प्रतिमा निर्माण कार्य का शुभारंभ। रिपोर्ट सुधीर मालाकार। हाजीपुर (वैशाली ) जिले के प्रसिद्ध शक्तिपीठ गोविंदपुर सिंघाड़ा ,दुर्गा मंदिर में प्रतिमा निर्माण का कार्य पूर्ण विधि-विधान के साथ शुभारंभ हो गई है। कारीगर विधिवत निर्माण कार्य में लगे हैं। विदित हो कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी चौक चंदा पर्व के दिन ही विधिवत निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। मंगलवार को माता का मंडप का बास के ढांचा बनने का कार्य शुरू हो गई। हर साल गोविंदपुर वाली मैया की प्रतिमा निर्माण कार्य चौक चन्ना पर्व के दिन से शुरू होता है। इस संबंध में श्याम नंदन सिंह उर्फ गुलाब सिंह, मोहन सिंह, सोहन सिंह, अमरेश सिंह, संजय सिंह, अभिषेक सिंह उर्फ टन्टू, वीरेंद्र सिंह, मिंटू सिंह, राम विनय सिंह, रौशन सिंह, बावलू सिंह, सनोज सिंह, सूरज कुमार, गांधी सिंह,नरेश राम, सुरेंद्र साह, चुन्नु सिंह,अशोक सिंह, महेंदर सिंह, प्रदीप सोनी,अवधेश कुमार, चंदन कुमार, किशन साह, आशीष कुमार, रवि सिंह, शंकर सिंह, वैध जी, दिपु कुमार, जिगर सिंह, चंदन कुमार आदि बताते हैं कि यहां पूजा के लिए बनाई जाने वाली मूर्ति की कार्य शुरू हो गई है। यहां की विशेषता है कि सैकड़ों वर्षों से एक ही आकृति की जीवन मूर्ति बनाई जाती है। मूर्ति बनाने वाले कारीगर स्थानीय ग्रामीण बैंजू पंडित एवं उनके बंसज लोग ही है।चौक चन्ना पर्व के दिन से ही माता के मंडप बनाना शुरू हो जाती है। बताते चलें कि सालों भर माता के पूजन का विधि विधान है ।सभी कार्य विधिवत आचार्य की मंडली द्वारा तय किए जाते हैं ।माता अपने भक्तों की मन की मुराद पूरी करती है ,यही कारण है कि बिहार के कोने-कोने से दुर्गा पूजा के समय श्रद्धालु भक्तों का यहां मां का दरबार में पहुंच कर अपने मन्नते पूरा करते हैं।

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चमकी से मासूम की मौत पर पीड़ित के घर पहुंची मेडिकल टीम महुआ। रेणु सिंह चमकी बुखार से एक मासूम की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई और मेडिकल टीम शुक्रवार को पीड़ित के घर पहुंच कर स्थिति का जायाजा लिया। टीम द्वारा पीड़ित परिजन से बच्चे के बारे में विभिन्न जानकारियां हासिल कर उसे विभाग को भेजा। घटना महुआ नगर परिषद के वार्ड संख्या 06 छतवारा चकशेख निजाम की है। उक्त गांव निवासी योगेन्द्र राम की पोती और मनीष राम की पुत्री डेढ़ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी को बीते 25 अप्रैल को चमकी की लक्षण आई थी। इस बीच घर के लोग उसे इलाज के लिए महुआ के एक निजी बच्चा अस्पताल में ले गए जहां से उसकी स्थिति नाजुक देखते हुए हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था। बच्ची को परिजन उसी दिन सदर अस्पताल ले गए। जहां से शाम में उसे चमकी के लक्षण को देखते हुए सदर अस्पताल द्वारा नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पटना रेफर किया गया था। बताया जा रहा है कि अस्पताल में 12 घंटे इलाज के बाद 26 अप्रैल की भोर में बच्ची ने दम तोड़ दिया। इधर नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल द्वारा बच्ची की मौत चमकी से होना बताए जाने के एक सप्ताह बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और मेडिकल टीम में शामिल महुआ पीएचसी के डॉ अमर कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक प्रकाश कुमार, बीसीएम आफताब आलम के साथ महुआ नप के सभापति नवीन चंद्र भारती, वसीम आलम, आशा कर्मी शर्मिला आदि पीड़ित के घर पहुंचकर परिजनों से विभिन्न जानकारियां हासिल की। चमकी से मौत का महुआ क्षेत्र में यह पहला केस माना जा रहा है। मनीष की पहली बच्ची थी लक्ष्मी: मृतिका डेढ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी अपने पिता मनीष राम की पहली संतान थी। मनीष राम फेरी में ब्रेड, चाकलेट आदि बेचकर घर परिवार चलाते हैं। वही दादा योगेंद्र राम मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि बच्ची को बुखार के साथ चमकी के लक्षण आई थी। जिसे वह हल्के में लिए और इलाज के लिए महुआ के एक बच्चा अस्पताल में ले गए। जहां से उसे स्थिति गंभीर बताते हुए रेफर कर दिया गया था। यह भी बताया जा रहा है कि बच्ची को विभिन्न टीका के साथ जेई का टीका भी बीते 22 मार्च कोई लगाया गया था। टीम ने माना बच्ची कुपोषित और कमजोर थी: मेडिकल टीम द्वारा बताया गया कि बच्ची कुपोषित और कमजोर थी। जिसे अनुमंडल अस्पताल में चल रहे एनआरसी में रखा गया था। उन्होंने यह भी बताया कि बच्ची की मौत का कारण एनएमसीएच द्वारा चमकी के लक्षण बताए गए हैं। इधर चमकी से बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन सजग होते हुए उक्त बस्ती में ओआरएस का वितरण कराकर बीमारी के लक्षण और बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया।

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