नहरों मे पानी नही, व्रती परेशान
1 min readनहरों मे पानी नही, व्रती परेशान
ग्रामीण इलाकों के सभी घाट खतरनाक और गंदे
महुआ में छठ व्रत पर सभी प्रशासनिक दावे हुए हवा हवाई
महुआ, नवनीत कुमार
लोक आस्था का महापर्व छठ पर अर्धदान को लेकर व्रतियां घाटो की तलाश कर रही हैं। ऐसा यहां नहरों में पानी नहीं छोड़े जाने के कारण हो रहा है। वही ग्रामीण इलाकों के सभी छठ घाट खतरनाक और उसके पानी गंदे हैं। जिसमें व्रतियों को महापर्व का अनुष्ठान करना मजबूरी होगा।
चार दिवसीय महापर्व पर डूबते सूर्य को अर्ध्य रविवार को दिया जाएगा। पर्व की पूरी तैयारी व्रतियों द्वारा की गई है। इस पर पर व्रतियां जलाशय में खड़ा होकर महा उपासना के बीच डूबते तथा उगते सूर्य को अर्घ्य देती है। यहां महुआ सिंहराय उत्तरी और महुआ मंगरू चौक से होकर से होकर गुजरने वाली गंडक नहर के अलावा मुकुंदपुर, सरसई, बखरी, नारायणपुर, बरियारपुर से गुजरने वाली घागरा नहर में पानी नहीं होने से छठ व्रतियों को अर्घ्यदान के लिए परेशानी होगी। यहां लोगों ने शनिवार को बताया कि नहरों में पानी नहीं छोड़ी गई। जिससे अर्घ्य के लिए उन्हें पानी वाले घाटों की तलाश करनी पढ़ रही है। वह दूसरे जलाशय पर जाकर व्रत का अनुष्ठान करेंगे।
दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्र के सभी जलाशयों का हाल ठीक नहीं है। कहीं पोखरों तालाबों में जेसीबी से मिट्टी काटे गए हैं तो कहीं घाटों की हालत खराब है। वही जलाशयों की पानी काफी गंदे हैं। जिसमें नहीं तो चुना पाउडर डाला गया नहीं ब्लीचिंग डाली गई। इसी गंदे पानी में व्रतियों को अर्ध देना होगा। ग्रामीण इलाके के छठ घाटों की साफ सफाई में न तो पदाधिकारी सामने आए न हीं जनप्रतिनिधियों ने रुचि दिखाई। लोगों ने अपना हाथ जगन्नाथ करते हुए घाटों की सफाई की है। जहां महापर्व का अनुष्ठान किया जाएगा। यहां छठ व्रतियों की सुविधा के लिए पदाधिकारियों के दावे हवा-हवाई साबित हुए हैं। वही वाया नदी के भी कई घाट खतरनाक है। उधर हुसैनीपुर का करैला मन झील घाट भी खतरनाक होने से व्रतियों में चिंता है। यहां मुखिया मिंटू राय ने बताया कि व्रतियों की सुविधा के लिए व्यवस्था किया जाएगा।