खरना का महाप्रसाद खाने के लिए व्रती के पास स्वयं पहुंचते रहे श्रद्धालु
1 min readखरना का महाप्रसाद खाने के लिए व्रती के पास स्वयं पहुंचते रहे श्रद्धालु
महुआ, नवनीत कुमार
लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन व्रतियों ने खरना किया। इस बीच मिट्टी के नए चूल्हे पर आम के जलावन से गुड़ के खीर बनाएं और नेवज काढे। उन्होंने परिजनों को प्रसाद के रूप में नेवज खिलाएं और स्वयं महाप्रसाद ग्रहण कर पूरे 36 घंटे के लिए उपवास पर चली गई।
पर्व पर व्रतियों द्वारा स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। पूजन सामग्री को कोई बच्चा छू ना दे। इसके लिए बच्चों पर नजर रखी जा रही है। इतना ही नहीं चिड़ियों व अन्य जीव-जंतुओं से भी प्रसाद की सुरक्षा के बंदोबस्त व्रतियों द्वारा की गई है। खरना पर दूध में नए चावल डालकर गुड़ से खीर बनाने की परंपरा है। व्रतियों ने गुड़ के खीर के साथ स्वच्छ गेहूं पिसवाकर उसके रोटी बनाएं। देर शाम में नेवज काढे और भगवान की आराधना की। उन्होंने शांति के बीच एकाग्रचित होकर प्रसाद का ग्रहण किया और महा उपवास पर चली गई। उन्होंने नेवज को प्रसाद के रूप में परिजनों को खिलाया। इधर महापर्व का प्रसाद ग्रहण करने के लिए श्रद्धालु स्वयं व्रतियों के पास पहुंचते रहे। पर्व को लेकर पूरा इलाका छठमय हो गया है। रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को व्रतियां अर्घ्य देंगी और सोमवार को उदयीमान भास्कर के अर्घ्य के साथ चार दिवसीय महापर्व का समापन होगा।