पर्व को लेकर छठ घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब
1 min readपर्व को लेकर छठ घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब
सेवा भाव की भावना से ओतप्रोत दिखे लोग, व्रतियों ने डूबते सूर्य के साथ उगते भास्कर को अर्ध्य देकर की पर्व की समापन
महुआ, नवनीत कुमार
सूर्योपासना और लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ सेवाभाव और भाईचारा के बीच सोमवार को उदयीमान भास्कर के अर्ध्य के साथ समाप्त हो गया। पर्व को लेकर भक्ति और साधना चरम पर रही। व्रतियों ने रविवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य दिया।
महुआ के वाया नदी का विभिन्न घाट से लेकर फुलवरिया पोखर, लक्ष्मीपुर, डोगरा, मिर्जानगर, माधोपुर, सरसई, रानीपोखर, हरपुर, सेहान, लक्ष्मीपुर, हुसैनीपुर, कन्हौली, बरियारपुर, धनराज, रसूलपुर मुबारक, हरपुर गंगाराम, भदवास, शाहपुर चकूमर सहित विभिन्न गांवो के पोखरों तालाब, पइनो आदि जलाशयों पर व्रतियों ने पर्व का अनुष्ठान पूरा किया। हुसेनीपुर के करैला मन झील पर भी अर्धदान का रस्म पूरा किया गया। वही काफी संख्या में लोग अपने घरों पर ही पोखर जैसा गड्ढा खोदकर पर्व का अर्ध्य पूरा किया। इस पर पर हर लोगों में आस्था और भक्ति सिर चढ़कर बोली। सेवाभाव तो हर लोगों में दिखी। व्रतियों की सेवा मैं लोग लगे रहे। हर संभव व्यवस्था के बीच उनके कपड़े धोने के लिए भी होड़ रही। ग्रामीण जलाशयों लोगों ने स्वयं साफ सफाई कर पर्व का अनुष्ठान पूरा किया। कहीं भी प्रशासनिक स्तर से लेकर जनप्रतिनिधि द्वारा कोई सुविधा नहीं दी गई। लोगों ने बताया कि यही एक ऐसा पर्व है जिस पर लोग एकत्रित होकर बगैर पंडित पुरोहित के अर्ध्यदान करते हैं। इसमें कोई भेदभाव नहीं होता। कई वर्षों बाद इस बार सूर्यदेव का विहंगम और मनोरम दृश्य व्रतियों और अन्य लोगों ने देखा। पर्व समाप्त होते ही लोगों ने अपने इष्ट-मित्रों, सगे-संबंधियों के यहां प्रसाद भी भेजना शुरू किया। इस पर्व पर मुस्लिम समुदाय के लोग भी काफी संख्या में घाटों पर पहुंचे और अनुष्ठान को श्रद्धा पूर्वक देखा। बरियारपुर बुजुर्ग में उमेश प्रसाद सिंह व वरुण कुमार ने बताया कि वे लोग रांची से व्रत करने आए हैं और पर्व समापन के साथ ही सपरिवार वापस लौट जाएंगे।