December 1, 2022

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पासी समाज पर लाठीचार्ज के विरोध में मुख्यमंत्री का फूंका पुतला/रिपोर्ट नवनीत कुमार

पासी समाज पर लाठीचार्ज के विरोध में मुख्यमंत्री का फूंका पुतला
महुआ। नवनीत कुमार
विधान सभा का घेराव करने गये पासी समाज के लोगो पर पटना में हुए लाठी चार्ज के विरोध में लालगंज के तीन पुलवा चौक पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्य मंत्री का पुतला दहन किया और बिहार सरकार के विरुद्ध नारेबाज़ी की। ताड़ी व्यवसाई और पासी समाज पर हो रहे।
पुतला दहन कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे भाजपा नगर अध्यक्ष संजीव कुमार और दयानंद चौधरी ने कहा कि पुलिस प्रशासन ताड़ी व्यवसायियो पर अत्याचार कर रही हैं। शराब बेचने का झूठा आरोप लगाकर गरीब गुरबा यहा तक कि महिलाओ को भी जेल भेज रही हैं। जबकि बड़े बड़े शराब व्यवसाई खुलेआम घूम रहे हैं। राज्य की सीमा, बॉर्डर, राजधानी और पुलिस चौकी को पार कर ट्रक का ट्रक शराब सुदूर देहात के गावों तक पहुंच रहा हैं। ताड़ी का व्यवसाय पासी समाज का पैतृक व्यवसाय हैं। जिसे करने से कोई रोक नहीं सकता। ताड़ी के व्यवसाय पर लाखो परिवार आश्रित हैं। पुतला दहन में अमरजीत चौधरी, सुरेंद्र चौधरी, धर्मेंद्र दास, रामनाथ चौधरी, मनोज चौधरी, अशोक चौधरी, परीक्षण चौधरी,मनिमाला सिंह, प्रेम कुमार, शकुंतला देवी, विकास कुमार आदि शमिल थे।

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चमकी से मासूम की मौत पर पीड़ित के घर पहुंची मेडिकल टीम महुआ। रेणु सिंह चमकी बुखार से एक मासूम की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई और मेडिकल टीम शुक्रवार को पीड़ित के घर पहुंच कर स्थिति का जायाजा लिया। टीम द्वारा पीड़ित परिजन से बच्चे के बारे में विभिन्न जानकारियां हासिल कर उसे विभाग को भेजा। घटना महुआ नगर परिषद के वार्ड संख्या 06 छतवारा चकशेख निजाम की है। उक्त गांव निवासी योगेन्द्र राम की पोती और मनीष राम की पुत्री डेढ़ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी को बीते 25 अप्रैल को चमकी की लक्षण आई थी। इस बीच घर के लोग उसे इलाज के लिए महुआ के एक निजी बच्चा अस्पताल में ले गए जहां से उसकी स्थिति नाजुक देखते हुए हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था। बच्ची को परिजन उसी दिन सदर अस्पताल ले गए। जहां से शाम में उसे चमकी के लक्षण को देखते हुए सदर अस्पताल द्वारा नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पटना रेफर किया गया था। बताया जा रहा है कि अस्पताल में 12 घंटे इलाज के बाद 26 अप्रैल की भोर में बच्ची ने दम तोड़ दिया। इधर नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल द्वारा बच्ची की मौत चमकी से होना बताए जाने के एक सप्ताह बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और मेडिकल टीम में शामिल महुआ पीएचसी के डॉ अमर कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक प्रकाश कुमार, बीसीएम आफताब आलम के साथ महुआ नप के सभापति नवीन चंद्र भारती, वसीम आलम, आशा कर्मी शर्मिला आदि पीड़ित के घर पहुंचकर परिजनों से विभिन्न जानकारियां हासिल की। चमकी से मौत का महुआ क्षेत्र में यह पहला केस माना जा रहा है। मनीष की पहली बच्ची थी लक्ष्मी: मृतिका डेढ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी अपने पिता मनीष राम की पहली संतान थी। मनीष राम फेरी में ब्रेड, चाकलेट आदि बेचकर घर परिवार चलाते हैं। वही दादा योगेंद्र राम मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि बच्ची को बुखार के साथ चमकी के लक्षण आई थी। जिसे वह हल्के में लिए और इलाज के लिए महुआ के एक बच्चा अस्पताल में ले गए। जहां से उसे स्थिति गंभीर बताते हुए रेफर कर दिया गया था। यह भी बताया जा रहा है कि बच्ची को विभिन्न टीका के साथ जेई का टीका भी बीते 22 मार्च कोई लगाया गया था। टीम ने माना बच्ची कुपोषित और कमजोर थी: मेडिकल टीम द्वारा बताया गया कि बच्ची कुपोषित और कमजोर थी। जिसे अनुमंडल अस्पताल में चल रहे एनआरसी में रखा गया था। उन्होंने यह भी बताया कि बच्ची की मौत का कारण एनएमसीएच द्वारा चमकी के लक्षण बताए गए हैं। इधर चमकी से बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन सजग होते हुए उक्त बस्ती में ओआरएस का वितरण कराकर बीमारी के लक्षण और बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया।

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