क्षेत्रीय भाषा राष्ट्र के विकास में सहायक :-प्रो एन के अग्रवाल/ज़की अहमद, NRINA
1 min read*क्षेत्रीय भाषा राष्ट्र के विकास में सहायक :-प्रो एन के अग्रवाल*
समस्तीपुर(जकी अहमद)
कई देशों के अध्ययन से पता चलता है कि अंग्रेजी के बजाय किसी क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग करने से छात्रों के सीखने के परिणाम पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। अंग्रेजी के वनिस्पत अपनी मूल भाषा में पढ़ने वाले छात्रों ने गणित और विज्ञान के विषयों में बेहतर प्रदर्शन किया है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमे स्थानीय भाषा की मान्यता को बढ़ावा देना चाहिए। उक्त बातें आज मौलाना मजहरूल हक टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, मथुरापुर, समस्तीपुर में आजादी का अमृत महोत्सव समारोह पर आयोजित विचार गोष्ठी ” प्रमोशन ऑफ लोकल एंड रीजनल लैंग्वेज” में मुख्य अतिथि बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद् के शैक्षणिक सलाहकार सह राज्य नोडल पदाधिकारी (नैक) प्रोफेसर एन के अग्रवाल ने कही। प्रो अग्रवाल ने कहा कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 343(1)भी वर्णित है कि देवनागरी लिपि में हिंदी संघ की आधिकारिक भाषा होनी चाहिए। कई मामलों में क्षेत्रीय भाषा की आवश्यकता होती है। स्थानीय भाषा में लोगो की उच्च भागीदारी होती है। उन्होंने कहा कि नैक से बी प्लस ग्रेड प्राप्त यह महाविद्यालय ऐसा प्रोग्राम कर रहा है, ये सम्मान की बात है। ऐसे समारोह आयोजित कर समाज को जागरूक किया जा सकता है।
आज के कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र, अरवल में पदस्थापित वैज्ञानिक डॉ कविता डालमिया ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है। यहां अनेकता में एकता है। यहां अनेक सांस्कृतिक विरासत मौजूद है, जिसे सभी को जानना चाहिए। सभी धर्मो के प्रति समान आदर करना चाहिए। विविधताओं के कारण ही हमारा देश श्रेष्ठ है। अपने अध्यक्षीय भाषण में महाविद्यालय के अध्यक्ष मो० अबू तमीम ने मातृभाषा एवं क्षेत्रीय भाषा के उत्थान एवं विकास पर बल दिया ताकि बच्चों में स्थानीय भाषा के माध्यम से शिक्षा का प्रचार प्रसार किया जा सके। कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य डॉ अंजुम वारिस ने किया। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं में विकास कुमार , कुमारी अमिता, संदीप कुमार, ज्योति कुमारी, अभिषेक कुमार, लाल बाबू यादव, प्रीति कुमारी, रवि शंकर कुमार, मो० साजिद आदिल, कुंदन कुमार, कुमार सिंह ने भी भाग लिया।