उगते सूरज के अर्ध के साथ चार दिवसीय महापर्व छठ का हुआ समापन
1 min readउगते सूरज के अर्ध के साथ चार दिवसीय महापर्व छठ का हुआ समापन
चार दिवसीय महापर्व के तीसरे दिन व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्ध्यचार
महा पर्व को लेकर आस्था और भक्ति परवान पर
महुआ, रेणु सिंह
सूर्योपासना और लोक आस्था का महापर्व चार दिवसीय चैती छठ के तीसरे दिन सोमवार को व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। वही मंगलवार को उदयीमान भास्कर के अर्ध्यदान के साथ महापर्व का समापन करेंगी और पूरे 36 घंटे बाद महा उपवास तोड़कर पारन करेंगी।
महापर्व को लेकर चारों ओर आस्था और भक्ति परवान पर है। हर और छठी मैया के गीत गूंज रहे हैं। महापर्व का अनुष्ठान करने वाली व्रतीयों की सेवा में लोग लगे हैं। व्रतियों को छठी घाट पर जाने के लिए श्रद्धालुओं ने रास्ते को बहारा ताकि उन्हें कंकड़ पत्थर नहीं चूभे। वही महापर्व की अर्ध्यदान को लेकर घाटों की सफाई भी की। यह चैती छठ कम परिवारों में ही होता है। बावजूद छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। बच्चों में तो पर्व को लेकर खासा उत्साह देखी जा रही है। यह पर्व साफ-सफाई और नियम का है। इस कारण घर के लोग बच्चे को महाप्रसाद और पूजन सामग्री के पास से अलग रख रहे हैं। ताकि वे उसे नहीं छुएं।
गंदे रहे ताल तलैया से में व्रतियों ने घर पर दिया अर्ध्य:
महापर्व पर छठ घाटों कि ना तो साफ सफाई की गई और न हीं कूड़े कचरे हटाए गए। इससे गंदे ताल तलैया को छोड़कर अधिकतर व्रतियों ने अपने घर पर ही गड्ढे खोदकर उसमें पानी भरे और महापर्व के अर्ध्यदान का रस्म पूरा किया। नगर परिषद अंतर्गत आने वाले वाया नदी के छठ घाटों की साफ-सफाई नहीं की गई। नदी में पानी कम रहने के कारण व्रतियों ने जलकुंभी और सेमाल में अर्ध्य दिया। कुछ लोगों द्वारा अपनेे से घाटों की साफ-सफाई कर महापर्व का अनुष्ठान पूरा किया गया। गांव के सभी जलाशय तालाब, पोखर, पइन आदि गंदे गाने कारण व्रतियों ने घर पर ही पर्व का अनुष्ठान करना मुनासिब समझा। व्रतियों ने बताया कि मंगलवार को उगते सूरज को अर्ध के साथ महापर्व का समापन कर उपवास तोड़ेंगी।