कन्हौली में कलश स्थापना कर की जा रही नवरात्रि की विधि विधान के साथ पूजा और पढ़े जा रहे देवी मंत्र
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कन्हौली में कलश स्थापना कर की जा रही नवरात्रि की विधि विधान के साथ पूजा और पढ़े जा रहे देवी मंत्र
महुआ, रेणु सिंह

वासंती नवरात्रि के सातवें दिन मंगलवार को माता कालरात्रि की पूजा विधि विधान के साथ की गई। श्रद्धालुओं आचार्यों के साथ देवी मंत्र पढ़े और जगत कल्याण के लिए आराधना की।
महुआ के कन्हौली में वासंती नवरात्र पर माता की कलश स्थापना कर श्रद्धालु दुर्गा पाठ करने में जुटे हैं। यहां माता की आराधना लोग श्रद्धा पूर्वक भक्ति में लीन होकर करते हैं। आचार्य जी के साथ श्रद्धालु देवी सप्तशती के पाठ कर जगत कल्याण और सुख समृद्धि की मन्नत मांगते हैं। यहां सनोज चौधरी ने बताया कि माता नव दुर्गे की पूजा एक दशक से होती आ रही है। यहां पर जो भी कोई श्रद्धा पूर्वक माता की पूजन कर मन्नत मांगता है उसकी मनोकामना पूरी होती है। यहां देवी पाठ करने के लिए महिलाओं की भीड़ जुटती है। श्रद्धालु संयुक्त रूप से देवी आराधना कर समाज में शांति, सद्भाव, प्रेम, अपनत्व और भाईचारा को बनाए रखने के लिए माता से विनती करते हैं।
नवमी को हवन के साथ सप्तशती पाठ का होगा समापन:
यहां पर नवमी तिथि को देवी सप्तशती का पाठ कर नवरात्रि के समापन की जाएगी। श्रद्धालुओं ने बताया कि वे लोग पूरे 9 दिनों तक फलाहार में रहकर माता की पूजन करते हैं। जगत दात्री माता सबकी कल्याण करती हैं। यहां से भक्ति और प्रेम की रसधार दूर दूर तक जाती है। यहां पर लोग माता की आराधना और देवी पाठ सुनने के लिए दूर-दूर से पहुंचते हैं। वासंती नवरात्र का यहां खास महत्व है। इस नवरात्रि पर नव दुर्गे का पूजन विधि-विधान और पूरी तरह भक्ति के रूप में की जाती है।
