लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ के दूसरे दिन व्रतियों ने खरना किया।
व्रतियों ने किया खरना
महुआ। रेणु सिंह
लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ के दूसरे दिन व्रतियों ने खरना किया। खरना पर व्रतियों ने मिट्टी के नए चूल्हे पर गुड़ की खीर और रोटी बनाकर नेवज काढ़े। परिजनों के साथ स्वयं महाप्रसाद ग्रहण कर पूरे 36 घंटे की महावास पर चली गई।
खरना का महाप्रसाद खाने के लिए श्रद्धालु स्वयं व्रतियों के पास पहुंचते रहे। ऐसे तो यह पर्व बहुत ही गिने चुने परिवारों में किया जाता है लेकिन इधर कुछ वर्षों से व्रत करने वाले परिवारों की संख्या बढी है। इस पर्व पर स्वच्छता का विशेष ख्याल रखा जाता है। व्रती पूजन सामग्री को बच्चों के पहुंच से दूर रखते हैं। पर्व को लेकर चारों ओर भक्ति और आस्था सिर चढ़कर बोल रही है। वहीं छठी माई के गीत हर ओर गूंज रहे हैं। रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा। वहीं सोमवार को उदयीमान भास्कर के अर्ध्य के साथ महापर्व का समापन होगा।