March 16, 2021

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टीबी हारेगा देश जीतेगा के तहत जागरूकता अभियान शुरू

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टीबी हारेगा देश जीतेगा के तहत जागरूकता अभियान शुरू

– टीबी दिवस को लेकर 12 मार्च से 27 मार्च तक महीने भर चलेगा जागरूकता अभियान

मोतिहारी, 15 मार्च | टीबी हारेगा-देश जीतेगा अभियान के तहत पूर्वी चम्पारण के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर केयर इंडिया के सहयोग से कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि पूर्वी चम्पारण में टीबी जरूर हारेगा। यहां अन्य जिलों की अपेक्षा टीबी के मरीजों में काफी कमी आई है। पूर्वी चम्पारण के स्वास्थ्य केंद्रों व सदर अस्पताल में टीबी के इलाज की व्यवस्था होने के कारण टीबी मरीजों के मामलों में कमी आ रही है। इस प्रकार के मामलों में कमी के लिए जिले के सभी ब्लॉकों में जन जागरूकता अभियान को लेकर तैयारियां आरम्भ की जा चुकी है। साथ ही राज्य स्वास्थ्य समिति के पत्र के आलोक में सभी प्रखंड, प्राथमिक, अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सों , ब्लॉक मैनेजरों, आशा फैसिलिटेटर को इलाज के साथ साथ जन जागरूकता के निर्देश दिए हैं । उन्होंने बताया टीबी दिवस को लेकर 12 मार्च से 27 मार्च तक महीने भर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा |

जागरूकता शिविर का आयोजन
सोमवार को केयर इंडिया के सहयोग से नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोतिहारी के सभागार में एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान उपस्थित सभी लोगों के बीच जागरूकता को लेकर हैंडबिल का वितरण किया गया । साथ ही आधुनिक उपकरणों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के लिए टीबी रोग के प्रति आगाह करते हुए इससे बचाव से संबंधित उपाय व उपचार के लिए उपलब्ध इंतजाम की जानकारी दी गयी। इस दौरान सीडीपीओ संध्या कुमारी, एमओआईसी श्रवण पासवान, एसटीएस नागेश्वर सिंह, बीईओ शाही तरीरि दास, आयुष डॉ शिल्पी कुमारी, ख़ालिद अख्तर, डॉ विनय कुमार, डॉ एन डी सिंह , केयर इंडिया के बीएम रजनीश पाण्डे, आशुतोष कुमार, एएनएम सुनिता कुमारी, डीएचएम संध्या कुमारी, आशा फैसिलिटेटर लक्की दास, नाजिया, बच्ची देवी, बीमा पाठक मौजूद थी ।

टीबी को मिटाने के लिए जन आंदोलन की जरूरत
संचारी रोग पदाधिकारी (यक्ष्मा) डॉ रंजीत रॉय ने बताया कि टीबी उन्मूलन में निजी चिकित्सकों का सहयोग अनिवार्य है। निजी चिकित्सकों के साथ संपर्क कर प्राइवेट सेक्टर के इलाजरत टीबी रोगियों का नोटिफिकेशन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन में प्राइवेट डॉक्टर भी मरीजों को इलाज के साथ उनके कोर्स को पूर्ण करने के लिए प्रेरित करें। बताया कि दो हफ्तों से ज्यादा की खांसी, खांसी में खून का आना, सीने में दर्द, बुखार, वजन कम होने की शिकायत हो तो तत्काल बलगम की जांच कराएँ। जांच व उपचार बिल्कुल मुफ्त है।

निक्षय पोषण योजना बनी मददगार
टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रुपये प्रतिमाह दिए जाने वाली निक्षय पोषण योजना बड़ी मददगार साबित हुई है। नए मरीज मिलने के बाद उन्हें 500 रुपये प्रति माह सरकारी सहायता भी प्रदान की जा रही है। यह 500 रुपये पोषण युक्त भोजन के लिए दिया जा रहा है। टीबी मरीज को आठ महीने तक दवा चलती है। इस आठ महीने की अवधि तक प्रतिमाह पांच 500-500 रुपये दिए जाएंगे। योजना के तहत राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है।

टीबी के इलाज में कोई खर्च नहीं-
केयर डीटीएल अभय कुमार, मनीष भारद्वाजने बताया की टीबी संक्रमित मरीजों के इलाज में किसी भी तरह का कोई निजी खर्च वहन नहीं करना पड़ता है। दवा सहित अन्य जांच के लिए सरकारी स्तर पर सब कुछ उपलब्ध है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मियों व एसटीएस के माध्यम से खोजी अभियान में तेजी लाना बेहद ही जरूरी है। इससे टीबी के मरीजों की जल्द से जल्द पहचान की जा सकती है। यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी की शिकायत हो तो उन्हें तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर अपने बलगम की जांच करा लेनी चाहिए।

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