June 23, 2025

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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर टीचर्स ऑफ बिहार ने आयोजित किया “योगदूत 2025 एक्सक्लूसिव ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता।”

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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर टीचर्स ऑफ बिहार ने आयोजित किया “योगदूत 2025 एक्सक्लूसिव ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता।”
● योगदूत एक्सक्लूसिव ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता में शामिल शिक्षकों में दिखा उत्साह।
● दस हजार से अधिक प्रतिभागियों को प्रदान किया गया ई-सर्टिफिकेट।

पटना। हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए एक नई थीम तय की जाती है, जो योग के एक खास पहलू पर जोर देती है। साल 2025 के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम “योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” थी।
यह थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” के वैश्विक विचार को बढ़ावा देती है, जिसका अर्थ है कि स्वस्थ और टिकाऊ भविष्य के लिए हमारे ग्रह और हम सभी की सेहत आपस में जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, यह थीम योग के जरिए ओवरऑल हेल्थ और पर्यावरणीय स्थिरता के महत्व पर भी प्रकाश डालती है।
इस योग दिवस को खास बनाने के लिए बिहार की सबसे बड़ी प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी ” टीचर्स ऑफ बिहार ” ने आयोजित किया “योगदूत 2025 एक्सक्लूसिव ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता”।
टीचर्स ऑफ बिहार के फाउंडर शिव कुमार एवं टेक्निकल टीम लीडर ई.शिवेंद्र प्रकाश सुमन ने संयुक्त रूप से बताया कि ऑनलाइन क्विज के माध्यम से हमने शिक्षकों एवं छात्रों के साथ साथ आम के लोगों के बीच योग के महत्व एवं इसके फायदे पर प्रकाश डाला है ताकि सभी लोग योग के महत्व को समझें एवं इसे प्रतिदिन एक रूटीन वर्क के रूप में अपने नीजि जीवन में लाए।
समूह के फाउंडर शिव कुमार ने बताया कि योग, वैदिक समय से हमारे जीवन का हिस्सा रहा है। योग की महिमा ऐसी है कि ये ना केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य को बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को भी दुरुस्त करता है। भारत समेत पूरी दुनिया योग करने से मिलने वाले फायदों के बारे में जानती है और उन्हें मानती भी है। ऐसे हर साल 21 जून को दुनियाभर के लोग अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े ही चाव से मनाते हैं। योग करने से व्यक्ति में एक नई शक्ति का संचार होता है, जो आपके हर बॉडी पार्ट को स्वस्थ रखने का काम करता है। इसके साथ ही ये आपके शरीर के सात चक्रों को भी प्रभावित करता है।
योगदूत क्विज प्रतियोगिता टीम लीडर सह डिस्ट्रिक्ट मेंटर कटिहार मृत्युंजयम ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विचार पहली बार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान प्रस्तावित किया था। उन्होंने कहा था कि योग भारत की प्राचीन परंपरा की अमूल्य देन है। यह मन और शरीर की एकता का प्रतीक है। अपनी जीवन शैली को बदलकर और चेतना पैदा करके, यह भलाई में मदद कर सकता है।
प्रदेश प्रवक्ता रंजेश कुमार एवं तिरहुत प्रमंडलीय मीडिया प्रभारी मो. नसीम अख्तर ने बताया कि नियमित रूप से योग करने पर हम स्वस्थ रहेंगे एवं किसी भी तरह की बिमारी हमारे आसपास भी नही भटकेगी। इसलिए हमें अपने दिनचर्या में योग को प्रमुख रूप से स्थान देना होगा।
ऑनलाइन क्विज में सफलतापूर्वक भाग लेने वाले दस हजार से अधिक प्रतिभागियों को टीचर्स ऑफ बिहार की ओर से ई-सर्टिफिकेट भी प्रदान किया गया।

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