July 27, 2021

NR INDIA NEWS

News for all

जिले में चमकी बुखार से बचाव को लेकर चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान/रिपोर्ट नसीम रब्बानी

1 min read

जिले में चमकी बुखार से बचाव को लेकर चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान/रिपोर्ट नसीम रब्बानी

– लक्षणों को न करें नजरअंदाज
– चमकी बुखार से बचाव को आदापुर प्रखंड में लग रहा है चौपाल

मोतिहारी, 27 जुलाई।
बढ़ती गर्मी और उमस में एईएस/चमकी की समस्या होने की संभावना ज्यादा होती है। बच्चों को चमकी बुखार से बचाने के लिए व चमकी को हराने के लिये स्वास्थ्य कर्मियों ने ठान लिया है कि  जागरूकता के सबसे बड़ा हथियार से उसे हराएंगे। चमकी के किसी भी लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। एईएस/चमकी को लेकर केयर इंडिया की टीम जीविकाकर्मियों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जगह जगह चौपाल का आयोजन कर रही है। आदापुर, पकड़ीदयाल ,छौड़ादानो, के साथ अन्य प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों को चमकी बुखार से बचाने के लिए साफ सफाई के महत्व बताए जा रहे हैं। साथ साथ बढ़ती गर्मी में कैसे चमकी से बच्चों को बचाएं  इसको लेकर भी जागरूक किया जा रहा है। चमकी बुखार को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आदापुर अंतर्गत सिरसिया कला पंचायत के इनरवा ग्राम, लरहा टोला, शेखवा टोला वार्ड नं 1 में आंगनबाड़ी व जीविका समूह द्वारा चौपाल लगाया गया। इस चौपाल में लोगों को जागरूक किया गया। जीविका बीपीएम संजीव कुमार व आशीष कुमार ने कहा कि चौपाल में ग्रामीणों को चमकी बुखार के लक्षणों की पहचान करने एवं उससे सतर्क रहने की जानकारी दी गई।

– स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दी गई  जानकारी ही सर्वप्रथम बचाव है:
इस दौरान केयर इंडिया के प्रखण्ड प्रबंधक श्रीनारायण सिंह द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। सिंह के द्वारा चमकी बुखार की पहचान के लक्षणों पर ध्यान देने की बात बताई गई।यथा- ज्यादा तेज बुखार ,बड़बड़ाना ,झटका आना , लार गिराना, बेहोशी  ,इस परिस्थिति में तुरंत सरकारी अस्पताल में जल्दी से जाना  चाहिए, बच्चे को करवट लिटाकर शरीर को  पानी से साफ कपड़े को भीगोकर पोछना चाहिए , रात में भर पेट खाना  खिलाना गुड़ खिलाना, झूठे फल कभी भी नहीं खिलाना व कच्चा फल नहीं खिलाना चाहिए। घरों में साफ-सफाई की अच्छी व्यवस्था रखना बच्चे को धूप में जाने से बचाना ज्यादा जरूरी है।अगल बगल में साफ-सफाई, बच्चे को भरपेट खाना खिलाना, रात में गुड़ निश्चित रूप से खिलाना, बच्चे को धूप में जाने से बचाना, जूठा- कच्चा व अद्ध पक्का फल खाने खिलाने से रोकना और लक्षण दिखते ही तुरंत अस्पताल ले कर जाने के बारे में विस्तार से बताया गया। साथ ही 104 नंबर कॉल सेंटर के बारे में बताया गया।

– जनप्रतिनिधि माता पिता को समझाए कि  वो बच्चों पर ध्यान दें:
चौपाल में उपस्थित जनप्रतिनिधियों से भी अनुरोध किया गया कि वह अपने आसपास के बच्चों के माता पिता को समझाएं  ताकि वे बच्चों पर ध्यान दें तथा चौपाल में मिली जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों में फैलाएं ।

-संतुलित आहार भोजन में शामिल करें :
बच्चों को एईएस से बचाने के लिए माता-पिता को शिशु के स्वास्थ्य के लिए सावधान रहना चाहिए। समय-समय पर देखभाल करते रहना चाहिए। बच्चों को संतुलित भोजन देना चाहिए। स्वस्थ बच्चों को मौसमी फलों, सूखे मेवों का सेवन करवाना चाहिए। साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। छोटे बच्चों को मां का दूध पिलाना बेहद आवश्यक है।

– सरकार द्वारा एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध :
बच्चों के इलाज में किसी भी प्रकार की गंभीर स्थिति होने पर सरकार द्वारा एंबुलेंस की सुविधाएं उपलब्ध हैं। अगर एंबुलेंस में कोई देरी भी होती है तो माता-पिता प्राइवेट भाड़ा कर गाड़ी लेकर जिला अस्पताल आ सकते हैं। उनके आने जाने का सारा किराया सरकारी स्तर पर मुफ्त दिया जाएगा।  मौके पर जीविका बीपीएम संजीव कुमार  ,आशीष कुमार सीसी ,सृजना कुमारी बुक कीपर रूबी खातून सीएम ,सरजहां खातून ,शाहिना खातून ,उमा देवी, हरिफन  खातून ,वायदा खातून ,सीएचसी केअर शमशेर अहमद मौजूद थे ।

एईएस से बचने हेतु सावधानियां:-
– बच्चों को धूप से बचायें।
– ओ आर एस का घोल, नीम्बू पानी, चीनी  लगातार  पिलायें।
– रात में भरपेट खाना जरूर खिलाएं।
– बुखार होने पर शरीर को पानी से  पोछें।
–  पैरासिटामोल की गोली या सीरप दें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.