मदरसा शिक्षा और मुस्लिम समाज के समकालीन मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
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पटना। बिहार में मदरसा शिक्षा और मुस्लिम समाज के समकालीन मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में बिहार राज्य मदरसा बोर्ड के चेयरमैन श्री सलीम परवेज़ साहब, मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के निर्देशक एवं सामाजिक कार्यकर्ता इरफान अली जामियावाला, तथा प्रदेश के कई प्रमुख बुद्धिजीवी व शिक्षाविद शामिल हुए।
बैठक का मुख्य एजेंडा बिहार में मदरसा शिक्षा को आधुनिक समय के अनुरूप कैसे सुदृढ़ बनाया जाए, इस पर केंद्रित रहा। चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि मदरसों में सिर्फ धार्मिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि कंप्यूटर, अंग्रेज़ी, विज्ञान और व्यावसायिक शिक्षा को भी शामिल किया जाना चाहिए, ताकि मदरसा के छात्र भविष्य में मुख्यधारा की नौकरियों और प्रतियोगी परीक्षाओं में बराबरी से भाग ले सकें।
श्री सलीम परवेज़ ने कहा कि बिहार सरकार और मदरसा बोर्ड इस दिशा में लगातार प्रयासरत है और शिक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए नए-नए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि मदरसों में सुधार तभी संभव है जब समाज, शिक्षाविद और सरकार तीनों मिलकर ठोस कार्ययोजना बनाएं।
इस अवसर पर इरफान अली जामियावाला ने कहा कि मदरसों से निकलने वाले छात्र हमारे समाज की रीढ़ हैं, लेकिन उन्हें 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए आधुनिक शिक्षा व कौशल से लैस करना समय की मांग है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मदरसा बोर्ड को विद्यार्थियों के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम और मल्टीमीडिया/मैनेजमेंट ट्रेनिंग जैसी योजनाएँ भी लागू करनी चाहिए।
बैठक में शामिल अन्य बुद्धिजीवियों ने भी अपने-अपने विचार रखे और सुझाव दिया कि मदरसा शिक्षा को रोजगारोन्मुख बनाने के साथ-साथ इसमें महिला शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
बैठक का निष्कर्ष यह रहा कि आने वाले दिनों में मदरसा बोर्ड और सामाजिक संगठनों के सहयोग से बिहार में मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण की ठोस रूपरेखा तैयार की जाएगी।