August 28, 2025

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राष्ट्र रक्षा संकल्प दिवस के रूप में मना आजादी के महानायक शुभ नारायण बाबू की 41 वीं पुण्यतिथि।

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राष्ट्र रक्षा संकल्प दिवस के रूप में मना आजादी के महानायक शुभ नारायण बाबू की 41 वीं पुण्यतिथि।

रिपोर्ट सुधीर मालाकार

जंदाहा (वैशाली) प्रखंड क्षेत्र के कादीलपुर में महान स्वतंत्रता सेनानी आजादी के महानायक वीर योद्धा शुभनारायण सिंह की 41वीं पुण्यतिथि “राष्ट्र रक्षा संकल्प दिवस ” के रूप में मनाया गया ।
वीर भूमि कादिलपुर जंदाहा के लाल शुभ नारायण सिंह अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थेl वे तीन जिला के अंग्रेजी हुकूमत को हिला कर रख दिया था l शुभ नारायण सिंह जी गोरिल्ला और छापामार युद्ध करने में माहिर थे। वे गोरिल्ला और छापामार तरीके से अंग्रेजों से लड़ते और उनके हर कार्य में बाधा उत्पन्न कर ,भारत छोड़ने को मजबूर कर दिए थे । वे शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप की तरह गुरिल्ला और छापामार युद्ध से अंग्रेजो पर हमला करते थे। उक्त बातें प्रो डॉ अजीत कुमार ने आज राष्ट्र रक्षा संकल्प दिवस के अवसर पर शुभ नारायण सिंह जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा।
श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता प्रो डॉ सुनील कुमार सिंह कॉलेज इंस्पेक्टर बी आर ए बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर ने किया ,जबकि संचालन डॉ मनोज कुमार सिंह प्राचार्य नीतीश कुमार स्मारक महाविद्यालय ने की।
सर्वप्रथम शुभ नारायण सिंह के आदम कद प्रतिमा पर पुष्पांजलि व दीप प्रज्वलित कर राम किशोर सिंह पूर्व सांसद, उमेश सिंह कुशवाहा पूर्व विधायक, बी के सिंह भाजपा नेता, प्रो संजय कुमार राय प्राचार्य ,ई. रविंद्र कुमार सिंह एवं राधाकांत सिंह शिक्षक समाजसेवी सिंह ने दीप प्रज्वलित व पुष्पांजलि कर समारोह का विधिवत उद्घाटन किया।
श्रद्धांजलि सभा में पूर्व सांसद रामकिशोर सिंह डॉ अजीत कुमार ने स्वतंत्रता आंदोलन में शुभ नारायण सिंह जी के कदम से कदम मिलाकर चलने वाली सहयोगी धर्मपत्नी सुशीला देवी को अंग वस्त्र एवं पुष्प गुचछ भेंट कर सम्मानित किया।
शुभ नारायण सिंह के बड़े सुपुत्र राधाकांत सिंह ने बताया कि हमें अपने पिता पर गर्व है ।जिन्होंने अनेक झंझावातो को झेलते हुए देश की आजादी के लिए अपने आप को समर्पित कर दिए थे। उन्होंने यह भी बताया कि 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने उनके पिता के आजादी की लड़ांईयों में अग्रगण्य भूमिका निभाने के लिए ताम्रपत्र सम्मान से सम्मानित किया।
स्वतंत्रता सेनानी के धर्मपत्नी सुशीला देवी उन दिनों को याद करते शुन्य में खो जाती है। सुशीला देवी उन दोनों की यातनाओं को स्मरण करते हुए बताती है की उनकी रूहेंं कांप जाती है । अंग्रेजों के द्वारा दी गई यातनाओं को याद करते हुए उनके आंखों में आंसू की धार बहने लगा ।वे बतायी की उनके पति सालों साल क्रांतिकारियों को इकट्ठा कर अंग्रेजों को भारत से भगाने में लगे रहते थे। जिसके कारण अंग्रेजी सिपाही और अफसर उन्हें कभी चैन से नहीं रहने दिया। वे रात- रात भर भारत मां के आजादी के लिए भटकते रहते। उन्हें कई दिनों तक भोजन पानी मिलना दुर्लभ हो जाता था । वे हर पल भारत माता की जंजीरों को तोड़़ने मे लगे रहते।
श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता करते हुए डॉ मनोज कुमार सिंह ने कहा कि वैशाली जनपद वाले को शुभ नारायण बाबू पर गर्व है कि वे अपनी जवानी को अंग्रेजो के दांत खट्टे करने में लगा दिए ।वे तीन जिला के अंग्रेजों की अफसर की सर दर्द बन गए थे। उनके नेतृत्व में शाहपुर पटोरी , महनार एवं देसरी रेलवे स्टेशन को जला कर राख कर दिया था। जद (यु ) के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक उमेश कुशवाहा ने कहा कि सन् 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में पटोरी स्टेशन को आग के हवाले कर दिए और रेलवे लाइन उखाड़ कर फेंक दिए थे।वहीं देसरी पोस्ट ऑफिस को जलाकर राख कर दिया थे। जिसके कारण अंग्रेजों ने उन पर कई मुकदमे कर उनके पीछे पर गए ।
प्राचार्य संजय राय ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि ब्रिटिश हुकूमत शुभ नारायण सिंह जी से भयभीत होकर उन्हें जिंदे या मुर्दा पकड़ने का ऐलान कर दिया था वे 9 महीनों तक जेल में बंद रहे।वे सालों भर भूमिगत होकर स्वतंत्रता की आंदोलन चलाते रहे। भाजपा के वरिष्ठ नेता बी के सिंह ने कहा कि शुभ नारायण बाबू की विद्रोही और क्रांतिकारी तेवर देखते हुए, अंग्रेज घबरा गए। जिसके कारण उनके परिवार को भी यातना का शिकार होना पड़ा। शुभ नारायण सिंह जी के पुत्र ने बताया कि विनोबा भावे के भूदान आंदोलन में अपने दो एकड़ से ज्यादा जमीन राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए दान दे दिए।
समारोह के अंत में इंजीनियर अभिषेक कुमार सिंह उर्फ सोनू जी एवं रौनक परमार उर्फ राम सिंह ने संयुक्त रूप से धन्यवाद ज्ञापित किया।

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