नबी- ए- पाक का मीलाद मनाना बख्शिश का जरीआ: मौलाना कसीमुल हक़
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नबी- ए- पाक का मीलाद मनाना बख्शिश का जरीआ: मौलाना कसीमुल हक़
वैशाली: प्रखंड चेहरा कलां अंतर्गत शाहपुर खुर्द गांव में जश्ने ईद मिलादुन्नबी का आयोजन किया गया प्रोग्राम का प्रारंभ हाफिज मोहम्मद वसी इमाम जामा मस्जिद शाहपुर खुर्द के तिलावत ए कुरान से हुआ नात पाक के अशार रौशन वैशालवी, अब्दुल्ला इमामी महुआ, सिबगतुल्लाह, मोहम्मद चांद, हाफिज गुड्डू, मौलाना मोहम्मद शफीक ने सुनाए प्रोग्राम का संचालन कवि एवं पत्रकार आदि शाहपुरी ने की एवं अध्यक्षता पीरे तरीक़त मौलाना मोहम्मद कसीम उल हक यूसुफी ने की इन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत देश में सारे भारतीय जश्ने आजादी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं और स्वतंत्रता सेनानी के नाम का नारा लगाते हैं और हम सब के नबी- ए- पाक पूरे मानवता को एकता और भाईचारे का और दुनिया में एक ईश्वर होने का भलाई और अच्छाई का संदेश दिया इस लिए जश्ने आजादी से बढ़कर नबी- ए- पाक की आमद का जश्न मानना बरकत रहमत और बक्शीश का जरिया है इन्होंने यह भी कहा कि आमदे सरकार के मौके पर डी जे साउंड का प्रयोग गली, चौराहों, बाजारों में राहगीरों को ट्राफिक जाम करना अच्छी बातों साउंड पर जोड़ शोर से चींख पुकार करना जायज नहीं क्योंकि नबी तो रास्ते से पत्थरों हटा देते थे मधुर आवाज में बात करते थे हम कैसे आशिक हैं कि ग़लत रास्ते को अपना कर खुश हो रहे हैं इस सभा मुफ्ती मोहम्मद मुस्तकीम साहब ने अपने संबोधन में कहा कि नबी- ए- पाक सब नबियों के सरदार हैं उनकी आमद पर सिर्फ मक्का वाले ही नहीं बल्कि आलमे इंसानियत में ईमान वालों के साथ चरिंद, परिंद,शजर,भी खुशियां मनाएं और हम सब का जिस नबी पर ईमान है तो फिर उनकी आमद पर खुशियां मनाना हराम नहीं है बल्कि जायज और अच्छा अमल है इस अमल से ईमान वालों के ईमान में राहत और दिलों में ताजगी पैदा होती है