बिहार में शिक्षक स्थानांतरण प्रक्रिया मे देरी, शिक्षकों में बड़ा आक्रोश
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बिहार में शिक्षक स्थानांतरण प्रक्रिया मे देरी, शिक्षकों में बड़ा आक्रोश
रिपोर्ट:शैलेश तिवारी, पटना बिहार
पटना। बिहार में शिक्षक स्थानांतरण प्रक्रिया लंबे समय से अधर में लटकी हुई है, जिससे लाखों शिक्षकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। दिसंबर 2024 में शुरू हुई इस प्रक्रिया में लगभग 1.90 लाख शिक्षकों ने आवेदन किया था। इनमें से करीब 1.30 लाख मामलों का निपटारा हो चुका है, लेकिन शेष 60 हजार आवेदनों पर अब तक निर्णय नहीं हो पाया है।
शेष आवेदकों के लिए विभाग ने पुनः आवेदन मंगाए और नियमों में बदलाव करते हुए तीन जिलों का विकल्प चुनने का निर्देश दिया। 2 सितंबर को शिक्षा विभाग के नए एसीएस डॉ. राजेंद्र ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि 5 से 13 सितंबर तक विकल्प भरे जाएंगे और 14 से 18 सितंबर के बीच जिला आवंटन किया जाएगा। हालांकि, तय समयसीमा बीतने के बाद भी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।
शिक्षक संगठनों में रोष
बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनीश सिंह ने कहा कि लगातार नियमों में बदलाव और बार-बार तिथि बढ़ाए जाने से शिक्षक बेहद आक्रोशित हैं। इसका असर विद्यालयों में पठन-पाठन पर भी पड़ रहा है। उन्होंने विभाग से चुनाव से पहले प्रक्रिया पूरी करने की मांग की।
संघ के उपाध्यक्ष पी.एस. ठाकुर ने कहा कि विभाग पहले अनुमंडल स्तर, फिर 10 पंचायतों और अब तीन जिलों की बात कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शिक्षकों की मजबूरी को नहीं समझा गया तो वे आंदोलन के लिए सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे।
संघ के महासचिव रवि सिंह ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि जिला के अंदर स्थानांतरण हेतु जिला कमेटी बनाई गई थी और ग्रीवेंस भी लिए गए थे, लेकिन वह प्रक्रिया भी अब तक पूरी नहीं हो पाई है। इससे जिला स्तर पर स्थानांतरण चाहने वाले शिक्षक भी भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं।