August 24, 2021

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जिले में कालाजार से बचाव को सिंथेटिक पायरोथायराइड का हो रहा है छिड़काव  / रिपोर्ट नसीम रब्बानी

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जिले में कालाजार से बचाव को सिंथेटिक पायरोथायराइड का हो रहा है छिड़काव  / रिपोर्ट नसीम रब्बानी

– प्रखण्ड स्तर पर कीटनाशक दवाओं का हो रहा है छिड़काव
-बालू मक्खी के काटने से फैलता है कालाजार

बेतिया, 23 अगस्त।
कालाजार से पूर्व में प्रभावित पश्चिमी चंपारण जिले के विभिन्न प्रखंडों व गांवों में कालाजार उन्मूलन के लिए सिंथेटिक पायरोथायराइड कीटनाशक का छिडकाव शुरू किया गया है । केयर इंडिया की  डीपीओ आकांक्षा कुमारी ने बताया कि जिले के सिकटा  प्रखण्ड के अंतर्गत जगरनाथपुर, के कई वार्ड में कालाजार से बचाव को सिंथेटिक पायरोथायराइड  का छिड़काव हो रहा है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मोहम्मद नाजिर ने बताया कि 10 अगस्त से 24 अगस्त तक कालाजार से बचाव को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दवा का छिड़काव किया जाएगा। योजना के अनुसार 702 घरों में दवा का छिड़काव किया जाना है। 4256 की आबादी वाले इस ग्रामीण क्षेत्रों में 12 दलों को लगाया गया है। केयर डीपीओ आकांक्षा कुमारी ने बताया कि जगरनाथपुर ग्राम में 2018 में ही कुछ मरीज मिले थे, उसके बाद अभी तक कोई मरीज नहीं मिला है। यहाँ छिड़काव के साथ मरीजों के बारे में भी पता लगाया जा रहा है, मरीज नहीं मिलने की स्थितियों में अब दवाओं का छिड़काव दूसरे अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाएगा।
12 दल के द्वारा छिड़काव का कार्य किया जा रहा
केयर इंडिया के प्रखण्ड प्रबन्धक अनुप कुमार त्रिपाठी ने बताया कि 12 दल के द्वारा छिड़काव का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ब्लॉक कॉर्डिनेटर श्यामसुंदर कुमार की  देखरेख में  छिडकाव किया जाना है। कालाजार से बचाव को छिड़काव बहुत जरूरी है। क्षेत्रों में लोगों को दवा छिड़काव कराने के साथ स्वच्छता के महत्व को समझाया जा रहा है।
क्षेत्रों में दवा  छिड़काव  कराने के लिए समझाया जा रहा- जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिवाकर प्रसाद ने बताया कि ग्रामीणों को कालाजार से बचाव की जानकारी देकर उन्हें घरों, व आसपास के क्षेत्रों में दवा  छिड़काव  कराने के लिए समझाया जा रहा है। साथ ही लोगों को बताया जा रहा है कि सभी घरों में छिड़काव जरूरी है । बालू मक्खी के काटने से कालाजार की  बीमारी होती है। इस लिए सोते समय  मच्छरदानी का हमेशा प्रयोग करें।

कई प्रखंड क्षेत्रों में कीटनाशकों का छिड़काव शुरू  किया गया है-
जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी के अनुसार पानी जमा हुए स्थानों पर, कालाजार को फ़ैलाने वाले बालू मक्खी  को रोकने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव बेहद जरूरी होता है। इन सभी प्रकार के रोगों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग जरूरी है। जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ प्रसाद ने बताया कि  पश्चिमी चम्पारण के कई क्षेत्रों में कीटनाशकों का छिड़काव शुरू  किया गया है। साथ ही जिले में कालाजार के खात्मे के लिए जिला स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है । जिससे कालाजार के मामलों में कमी आएगी।
कालाजार रोग को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार काफी गम्भीर है। इसके उन्मूलन के लिये सभी को आस पड़ोस के वातावरण को साफ सुथरा रखने, घरों  की साफ  सफ़ाई करने एवं मच्छरदानी का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।

कालाजार के रोगियों के प्रमुख लक्षण-
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मोहम्मद नजीर ने  बताया कालाजार में व्यक्ति को दो हफ़्तों से ज्यादा बुखार , भूख नहीं लगना, वजन में कमी, तथा इस बीमारी में खून की कमी बड़ी तेजी से होने लगती है।

पश्चिम चंपारण कई प्रखंडों में शुरू है छिड़काव:
सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र चौधरी ने बताया जिले के कई प्रखंडों में कालाजार का छिड़काव किया जा रहा है ।उन्होंने बताया  कालाजार के   कीटनाशक का छिड़काव घरों की दीवार पर छह फुट तक होता था, अब वह पूरी दीवार पर हो रहा है।
छिड़काव के वक्त ध्यान में रखने वाली बातें
– घर की दीवारों में पड़ी दरारों को भर दें
– अच्छी तरह से घर की सफाई करें। खाने-पीने का सामान, बर्तन, दीवारों पर टंगे कैलेंडर आदि को बाहर निकाल दें।
– भारी सामानों को कमरे के मध्य भाग में एकत्रित कर दें और उसे ढक दें।
–  रसोईघर, गौशाला सहित पूरे घर में पूरी दीवार पर दवा का छिड़काव कराएं।

मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मो. नाजिर, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक  शकील अहमद, डीपीओ आकांक्षा कुमारी , ब्लॉक कॉर्डिनेटर श्यामसुंदर कुमार , प्रखंड प्रबंधक  अनूप कुमार त्रिपाठी सहित छिड़काव दल के कर्मी व अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।

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