पटना सिटी का गुरु गोविंद सिंह (गिरजा अस्पताल) अस्पताल के प्रबंधक मो0 शब्बीर खान का एक और कारनामा।
पटना सिटी का गुरु गोविंद सिंह (गिरजा अस्पताल) अस्पताल के प्रबंधक मो0 शब्बीर खान का एक और कारनामा।
फार्मासिस्ट अधिकारी का हो रहा है शोषण, श्रम कानून के अंतर्गत नियमों के खिलाफ उनसे लिया जा रहा है काम।
लोकल होने के कारण गुरु गोविंद सिंह अस्पताल प्रबंधक मो0 शब्बीर खान की अपनी मनमानी। एबं दिखाते है रौब। सूत्रों की मानो तो पूरा अस्पताल अस्पताल प्रबंधक के द्वारा ही चलाया जाता है। मुखदर्शक बन बैठे रहते है अधीक्षक और उपाधीक्षक।
पटना से ब्यूरो चीफ सनोवर खान के साथ मनोज सिंह की रिपोर्ट।
पटना सिटी का गुरु गोविंद सिंह (गिरजा अस्पताल) अस्पताल इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है जहां रोज परत दर परत अस्पताल प्रबंधक मोहम्मद शब्बीर खान के कारनामे की पोल खुलते जा रही है। सूत्रों के अनुसार आज एक अलग मामला प्रकाश में आया जिसमें फार्मासिस्ट अधिकारी से गैर कानूनी ढंग से काम लिया जाता है। उनको छुट्टी भी नहीं दी जाती है जिसके कारण वह हमेशा तनाव में रहते हैं।
गुरु गोविंद सिंह अस्पताल का दवा वितरण केंद्र गुरु पर्व में केवल 24 घंटे खोलना था लेकिन वह व्यवस्था आज भी बनी हुई है इसका एकमात्र कारण अस्पताल प्रबंधक मोहम्मद शब्बीर खान के द्वारा स्थानीय होने के कारण फार्मासिस्ट पर दबाव बनाना और उनको को तंग तबाह करना एकमात्र उद्देश्य है ।यहां मात्र तीन फार्मासिस्ट है। बिहार सरकार में कहीं भी किसी अस्पताल में 24 घंटे दवा वितरण केंद्र नहीं खुला हुआ है चाहे वह पीएमसीएच हो या एनएमसीएच हो तो फिर क्या कारण है गुरु गोविंद सिंह अस्पताल का दवा वितरण । पत्र के आलोक में दवा वितरण केंद्र 24 घंटे खुला रहता है। ओपीडी सेवा बंद होने के बाद दवा वितरण केंद्र 24 घंटे खुला रहता है जिससे फार्मासिस्ट की परेशानी बढ़ जाती है।
आप कभी प्राइवेट दवा दुकान पर दवा खरीदने के लिए गए होंगे तो आपको उस दुकानदार की परेशानी समझ में आ गई होगी तो आप सोच सकते हैं कि यह फार्मासिस्ट लोग किस तरह एक एक दवा इकट्ठा करके पुर्जा के अनुसार मरीजों को मुहैया कराते हैं। जहां कहीं भी दवा देने में देरी होती है तो पीछे से मरीज हल्ला करने लगते हैं बल्कि काउंटर पर बैठे कर्मचारी को भला बुरा भी बोलने लगते हैं फिर भी यह लोग सब की बातों को बर्दाश्त करते हुए अपना काम करते हैं और उनको दवा मुहैया कराते हैं। दवा वितरण केंद्र पर किस तरह भीड़ लगी रहती है। फिर भी स्वास्थ प्रबंधक किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं कर रहे हैं जिससे इन फार्मासिस्टो को राहत मिल सके और बिना तनाव के यह अपनी ड्यूटी को बखूबी निभा सके।ड्यूटी तो यह कर रहे हैं लेकिन हमेशा तनाव में रहते हैं जिसका प्रभाव अस्पताल व्यवस्था पर पड़ता है, सूत्रों से पता चला है अस्पताल प्रबंधक अपने स्तर से भरपूर कोशिश कर रहे हैं की व्यवस्था साफ सुथरा हो जाए और किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बेवजह परेशान नहीं होना पड़े। बल्कि वे सभी विभागों में पत्राचार की कर रहे हैं ताकि राज्य स्वास्थ समिति द्वारा अस्पताल को और बेहतर बनाया जा सके लेकिन इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाए और उनकी संपत्ति की जांच आर्थिक अपराध इकाई से कराया जाए इसके लिए अनेक सामाजिक संगठनों ने सरकार को पत्र लिखा है।