January 31, 2022

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अवकाश ग्रहण करने पर अवधेश झा को विद्यालय की ओर से दी गई विदाई। रिपोर्ट नागेन्द्र कुमार

अवकाश ग्रहण करने पर अवधेश झा को विद्यालय की ओर से दी गई विदाई।   रिपोर्ट नागेन्द्र कुमार/ सुधीर मालाकार।
पातेपुर( वैशाली)प्रखण्ड के राजकीय मध्य विद्यालय डभैच के प्रधनाध्यपक अवधेश कुमार झा को विद्यालय परिवार के साथ संकुल क्षेत्र के सभी प्रधनाध्यपक एवम अन्य गण्यमान्य लोगों ने अंग वस्त्र एवम फूल माला पहनाकर भावभीनी विदाई दी ।विदाई समारोह के मुख्य अतिथि प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह,पूर्व स्थानीय मुखिया देवेंद्र राय,विशिष्ट अतिथि विद्यालय के संकुल समन्वयक सह अवकाश प्राप्त प्रधनाध्यपक सिंगेश्वर राय ,अवकाश प्राप्त पूर्व प्रधानधपिका कुमारी उषा सिन्हा,वरीय पत्रकार नागेन्द्र राय के अलावे वर्तमान प्रधानाध्यपक के प्रभार लेने वाले अशीत चंद झा, सलखनी के प्रधानाध्यपक मनोज कुमार मनीष,नव सृजित विद्यालय प्रधनाध्यपक जुगेश्वर राम,मंडीडीह प्रधनाध्यपक अजय कुमार,पूर्व समन्वयक अजित कुमार,विद्यालय शिक्षक अशोक गुप्ता,दिलीप राम,लाला राय,अरविंद प्रभाकर ,राजू रंजन चौधरी,बिपिन कुमार,जितेंद्र चौधरी,प्रमोद पासवान,वीरेंद्र पासवान,कृष्ण मुरारी दीन्ह,सुनैंन कुमारी,उषा कुमारी,मीनाकुमारी,स्मिता कुमारी,नम्रता कुमारी आदि विदाई समारोह में उपस्थित थे .उपस्थित लोगों ने अवधेश बाबू को अंग वस्त्र देकर भावभीनी विदाई दी ।समारोह को पातेपुर बीइओ नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि अवधेश बाबू इस विद्यालय में दो दशक से अधिक समय तक सेवा प्रदान की है, पूरे प्रखण्ड में लोगों के बीच चर्चा चलती रही है ।उनके कार्य कुशलता को सभी शिक्षकों को प्रेरणा मिलती रहेगी ।पूर्व स्थानीय मुखिया देवेंद्र राय ने कहा कि अवधेश बाबू ने जो विद्यालय के साथ समाज मे सभी लोगों का दिल जीता है, मुझे अपेक्षा है कि अन्य शिक्षक को उनसे प्रेरणा मिलती रहेगी,वही पूर्व प्रधनाध्यपक सिंघेश्वर राय ने कहा कि अवधेश बाबू हमारे छोटे भाई है किंतु उनके कार्य कुशलता को देख मैं भी कायल हूँ ,क्योंकि वे अपने सेवा में समय अवधि का पालन कैसे हो वे हमेशा समय से पूर्व विद्यालय में पहुँचते थे और अंत मे जाते थे ।

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चमकी से मासूम की मौत पर पीड़ित के घर पहुंची मेडिकल टीम महुआ। रेणु सिंह चमकी बुखार से एक मासूम की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई और मेडिकल टीम शुक्रवार को पीड़ित के घर पहुंच कर स्थिति का जायाजा लिया। टीम द्वारा पीड़ित परिजन से बच्चे के बारे में विभिन्न जानकारियां हासिल कर उसे विभाग को भेजा। घटना महुआ नगर परिषद के वार्ड संख्या 06 छतवारा चकशेख निजाम की है। उक्त गांव निवासी योगेन्द्र राम की पोती और मनीष राम की पुत्री डेढ़ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी को बीते 25 अप्रैल को चमकी की लक्षण आई थी। इस बीच घर के लोग उसे इलाज के लिए महुआ के एक निजी बच्चा अस्पताल में ले गए जहां से उसकी स्थिति नाजुक देखते हुए हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था। बच्ची को परिजन उसी दिन सदर अस्पताल ले गए। जहां से शाम में उसे चमकी के लक्षण को देखते हुए सदर अस्पताल द्वारा नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पटना रेफर किया गया था। बताया जा रहा है कि अस्पताल में 12 घंटे इलाज के बाद 26 अप्रैल की भोर में बच्ची ने दम तोड़ दिया। इधर नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल द्वारा बच्ची की मौत चमकी से होना बताए जाने के एक सप्ताह बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और मेडिकल टीम में शामिल महुआ पीएचसी के डॉ अमर कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक प्रकाश कुमार, बीसीएम आफताब आलम के साथ महुआ नप के सभापति नवीन चंद्र भारती, वसीम आलम, आशा कर्मी शर्मिला आदि पीड़ित के घर पहुंचकर परिजनों से विभिन्न जानकारियां हासिल की। चमकी से मौत का महुआ क्षेत्र में यह पहला केस माना जा रहा है। मनीष की पहली बच्ची थी लक्ष्मी: मृतिका डेढ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी अपने पिता मनीष राम की पहली संतान थी। मनीष राम फेरी में ब्रेड, चाकलेट आदि बेचकर घर परिवार चलाते हैं। वही दादा योगेंद्र राम मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि बच्ची को बुखार के साथ चमकी के लक्षण आई थी। जिसे वह हल्के में लिए और इलाज के लिए महुआ के एक बच्चा अस्पताल में ले गए। जहां से उसे स्थिति गंभीर बताते हुए रेफर कर दिया गया था। यह भी बताया जा रहा है कि बच्ची को विभिन्न टीका के साथ जेई का टीका भी बीते 22 मार्च कोई लगाया गया था। टीम ने माना बच्ची कुपोषित और कमजोर थी: मेडिकल टीम द्वारा बताया गया कि बच्ची कुपोषित और कमजोर थी। जिसे अनुमंडल अस्पताल में चल रहे एनआरसी में रखा गया था। उन्होंने यह भी बताया कि बच्ची की मौत का कारण एनएमसीएच द्वारा चमकी के लक्षण बताए गए हैं। इधर चमकी से बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन सजग होते हुए उक्त बस्ती में ओआरएस का वितरण कराकर बीमारी के लक्षण और बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया।

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