जयंती पर याद आए स्वतंत्रता सेनानी सह पूर्व राज्यसभा सांसद
महुआ, एक संवाददाता। स्वतंत्रता संग्राम में महती भूमिका निभाने वाले और पूर्व राज्यसभा सांसद स्व. सीताराम सिंह की 103 वी जयंती बुधवार को श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। इस मौके पर उनके पैतृक गांव महुआ के कुशहर खास में लोगों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। यहां श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई।
जयंती सभा का आयोजन स्वतंत्रता सेनानी के पुत्री प्रो. अपना सुमन द्वारा की गई। इस मौके पर लोगों ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा की। उनकी जीवनी पर चर्चा करते हुए लोगों ने कहा कि सीताराम बाबू डॉ राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, महात्मा गांधी के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़ चढ़कर भाग लिया। जेपी आंदोलन में तो उन्होंने महती भूमिका निभाई थी। उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए घर को त्याग कर आंदोलनकारियों के साथ रहकर अंग्रेजों से लोहा लिया। इस मोके पर सुखनंदन प्रसाद, अनिल लोदीपुरी, मो समी, विनय कुमार, नितेश कुमार आदि लोग उपस्थित थे। लोगों ने कहा कि सीताराम बाबू जेपी आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई थी। देश आजाद होने के बाद वे राज्यसभा सांसद के लिए भेजे गए। उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपने जीवन की हर खुशी और सुख को त्याग दिया। यहां पर लोगों ने विभिन्न प्रखंडों में उनकी प्रतिमा लगाने और सीताराम बाबू के विचारों से अवगत मांग पत्र सरकार को सौंपने का निर्णय लिया।
फोटो: महुआ 04- महुआ के कुशहर पास में स्वतंत्रता सेनानी सीताराम बाबू के प्रतिमा पर माल्यार्पण अर्पित करते लोग।