डी.एम.ने कोरोना गाइडलाईन को लेकर की बैठक दिए कई निर्देश*
1 min read*डी.एम.ने कोरोना गाइडलाईन को लेकर की बैठक दिए कई निर्देश*
*(गुड्डू राज)*
दरभंगा : जिलाधिकारी डॉ.त्यागराजन एस.एम.ने कोरोना कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी गाइडलाइन का अनुपालन कराने को लेकर जिला स्तरीय अधिकारी,सिविल सर्जन एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी के साथ साथ सभी अनुमण्डल पदाधिकारी,अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी,प्रखण्ड विकास पदाधिकारी,अंचलाधिकारी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ अम्बेदकर सभागार से ऑनलाईन बैठक की।पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नगर निगम,नगर परिषद एवं प्रखंड मुख्यालय क्षेत्र में प्रत्येक सप्ताह में 03 दिन शुक्रवार,शनिवार और रविवार को गैर आवश्यक वस्तुओं की दुकानें बन्द रहेंगी। गैर आवश्यक वस्तुओं की दुकानों में कपड़ा,रेडीमेड वस्त्र,अन्य उपभोक्ता वस्तुओं की दुकान यथा जूता-चप्पल,स्पोर्ट्स, बर्तन,सोना-चांदी,ड्राईक्लीनर्स एवं अन्य सभी दुकानें जो किसी श्रेणी में ना हो,इलेक्ट्रॉनिक गुड्स,पंखा,कूलर,एयर कंडीशनर्स,मोबाइल,कम्प्यूटर,लैपटॉप, यू.पी.एस एवं बैटरी विक्रय एवं मरम्मत ऑटोमोबाईल्स,टायर एवं ट्यूब्स,लुब्रिकेन्ट,ऑटोमोबाईल स्पेयर पार्ट्स की दुकान शामिल हैं। उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों एवं थानाध्यक्ष को अपने अपने इलाके के बाजार क्षेत्र का भ्रमण कर कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन व आदेश का अनुपालन कराने का निर्देश दिया। साथ संबंधित अनुमण्डल पदाधिकारी एवं अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी को स्वयं निगरानी एवम अनुश्रवण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि तीन स्थिति के कोविड-19 कोरोना मरीज होते हैं। पहली स्थिति-माईल्ड स्थिति होती है,जिसमें सामान्यतःपारासिटामोल,एजीथ्रोमाइसिन तथा चिकित्सीय सलाह के अनुसार दिनचर्या अपनाने पर बीमारी स्वतःठीक हो जाती है। दूसरी स्थिति-मॉडरेट स्थिति होती है,जिसमें थोड़ा हार्ड एंटीबायोटिक दवा की आवश्यकता होती है तथा कुछ ज्यादा सावधानियाँ बरतनी पड़ती है तथा चिकित्सक की निगरानी में ईलाज चलता है। तीसरी स्थिति गंभीर स्थिति होती है,जिसके लिए भेंडीलेटर की आवश्यकता होती है तथा लगातार चिकित्सीय देखाभाल की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे ही मरीजों को अस्पतालों में भर्त्ती आवश्यक होती है। पहली स्थिति में मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो जाता है। इसलिए सभी पदाधिकारियों को इसकी जानकारी रखनी होगी। उन्होंने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को मजबूत करना होगा। अब वहाँ भी कोविड के मरीजों का ईलाज होगा। जिस तरह से जिला में जिला प्रशासन की निगरानी में जिला स्तरीय अस्पतालों में कोरोना,ईलाज की व्यवस्था की निगरानी व अनुश्रवण की जा रही है,उसी तरह अनुमण्डल में अनुमण्डल पदाधिकारी की अध्यक्षता में तथा प्रखण्ड में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में निगरानी व अनुश्रवण कमिटी गठित होगी। सभी अनुमण्डल पदाधिकारी एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के सरकारी एवं निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजो के लिए उपलब्ध बेड एवं चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी रखनी होगी। साथ ही ऑक्सीजन कहाँ से आता है,किन-किन अस्पतालों में भेंडीलेटर की व्यवस्था है,कितने अस्पतालों को कितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता है,वहाँ आवश्यक दवाएं है या नहीं ये सभी जानकारियाँ रखनी होगी। जिला प्रशासन की तरह सभी अनुमण्डल एवं प्रखण्डों में भी होम आइसोलेशन कोषांग बनेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के कितने मरीज किस पंचायत,किस गाँव में हैं,यह जानकारी आपकी अंगूली पर रहनी चाहिए। साथ ही जहाँ भी कंटेनमेंट जोन बना है,वहाँ गाइडलाइन का अनुपालन करवाया जाए। टीम बनाकर सभी कंटेनमेंट जोन में भ्रमण कराया जाए। होम आइसोलेशन वाले मरीजों की भी निगरानी की जाए तथा उनमें जो ज्यादा गंभीर है,उन्हें रेफर किया जाए।उन्होंने कहा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 03 से 04 दिनों के अन्दर कोरोना मरीजों की भर्त्ती शुरू करनी होगी। इसके लिए राज्य स्तर से 05 चिकित्सकों को मास्टर ट्रेनर बनाया जा रहा है,जो जिला एवं प्रखण्डों में प्रशिक्षण देंगे। उन्होंने कहा कि सभी जगह पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस रहने चाहिए। इसके लिए अतिरिक्त एम्बुलेंस की आवश्यकता है तो रख लिया जाए। ग्रामीण क्षेत्र में मास्क का वितरण पंचायत सचिव एवं कार्यपालक सहायक के माध्यम से वार्डवार किया जाएगा। इसके लिए जीविका,खाद्यी ग्राम उद्योग या एल.एल.पी.के आधार पर बने समूह से 15वीं वित्त के अनटाईड राशि से क्रय किया जा सकता है। पंचायत चुनाव के मद्देनजर मास्क वितरण कार्य से जन प्रतिनिधियों को दूर रखा गया है। 01 माह के अन्दर प्रति परिवार 06-06 मास्क का वितरण करना है। उन्होंने कहा कि अनुमण्डल स्तर पर क्वंटाइन सेन्टर बना लिया जाए। इसके लिए नगर निगम क्षेत्र में नगर आयुक्त,नगर उपायुक्त तथा जिला आपदा प्रबंधन प्रभारी को टीम में रखा गया है।अनुमण्डल स्तर पर अनुमण्डल पदाधिकारी,अंचलाधिकारी सदर एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को रखा गया है। सदर अनुमण्डल में डी.पी.एस.स्कूल,बिरौल में जे.के कॉलेज एवं बेनीपुर में एक उच्च विद्यालय को क्वारंटाइन सेन्टर बनाया जा रहा है। अन्य राज्यों से आने वाले जिन लोगों को गाँव में रहने में परेशानी हो रही है,वैसे लोग क्वारंटाइन सेन्टर में रहेंगे। क्वारंटाइन सेन्टर को कार्यरत रखने का निर्देश दिया गया है। कंटेनमेंट जोन जहाँ भी बन रहा है,वहाँ अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष को प्रतिदिन भ्रमण करना है। कोरोना पॉजिटिव के सम्पर्क में आने वाले का ट्रेसिंग पता लगाना है तथा वहाँ टेसि्ंटग करानी है। इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पर्याप्त संख्या में एन्टीजन किट्स रखना होगा। यदि कोई व्यक्ति अपना आर.टी.पी.सी.आर.जाँच कराना चाहता है,तो करना होगा। वैसे गाँवों की सूची भेजी गयी है,जहाँ पिछले वर्ष भी अन्य राज्यों से अधिक संख्या में लोग आये थे। उन गाँवों में आर.टी.पी.सी.आर.टेस्ट करानी है। बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रभारी पुलिस अधीक्षक-सह-नगर पुलिस अधीक्षक अशोक प्रसाद द्वारा सभी थाना को कोविड-19 से संबंधित जारी गाइडलाइन का अनुपालन कराने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि थाना प्रभारी प्रतिदिन निकले और कंटेनमेंट जोन का भ्रमण कर देखें कि कोविड-19 के गाइडलाइन का अनुपालन किया जा रहा है या नहीं। शाम में दुकानें बन्द की जा रही है या नहीं नगर परिषद,नगर निगम एवं प्रखंड मुख्यालय क्षेत्र में गैर आवश्यक वस्तुओं की दुकानें बंद है या नहीं। दुरूस्थ प्रखण्डों अलीनगर सिंहवाड़ा एवं बहेड़ी से सूचना प्राप्त हो रही है कि वहाँ दुकानें 06ः00 बजे के बाद भी खुली रह रही है। वैसे दुकानदारों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए जारी गाइडलाइन का शत्-प्रतिशत् अनुपालन कराया जाए।जिलाधिकारी ने सभी प्रखण्डों में उपस्थित जनप्रतिनिधियों से बारी-बारी से सुझाव प्राप्त किया। बैठक में उप विकास आयुक्त तनय सुल्तानिया,सहायक समाहर्त्ता अभिषेक पलासिया,अपर समाहर्त्ता राजस्व विभूति रंजन चौधरी,सिविल सर्जन डॉ.संजीव कुमार सिन्हा,अपर समाहर्त्ता विभागीय जाँच अखिलेश प्रसाद सिंह,उप निदेशक,जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता,जिला आपूर्त्ति पदाधिकारी अजय कुमार,जिला भू-अर्जन पदाधिकरी अजय कुमार,अनुमण्डल पदाधिकारी सदर राकेश कुमार गुप्ता सहित संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।