एईएस से बच्चों के बचाव के लिए जिले में चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान
1 min readएईएस से बच्चों के बचाव के लिए जिले में चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान
– चमकी बुखार से बचाव पकड़ीदयाल में हो रहा है चौपाल का आयोजन
– साफ सफाई के प्रति सचेत हो रहे हैं ग्रामीणों ।
मोतिहारी,28 अप्रैल।
बढ़ती गर्मी में ए ई एस से जिले वासियों को बचाने के लिए व चमकी को हराने के लिये स्वास्थ्य कर्मियों का सबसे बड़ा हथियार है जागरूकता । केयर इंडिया की टीम स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जगह जगह चौपाल का आयोजन कर बच्चों को चमकी बुखार से बचाने के लिए साफ सफाई के महत्व के साथ साथ बढ़ती गर्मी में कैसे चमकी से बचें इसको लेकर भी जागरूक कर रही है | । पकड़ीदयाल के स्वास्थ्य प्रबंधक अविनीश कुमार व महिला पर्यवेक्षिका पिंकी कुमारी के साथ अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बैठक कर अनुमंडलीय अस्पताल पकड़ीदयाल क्षेत्र के चोरमा , वार्ड नं 11 ढेकहा में चौपाल का आयोजन किया गया । जिसमें लोगों को ए ई एस/जे ई के के बारे में उससे बचने की जानकारी दी जा रही है । लोगों को चमकी बुखार के लक्षणों की पहचान करने एवम उससे सतर्क रहने की जानकारी दी गई । इस चौपाल में मुख्य बिंदुओं पर चर्चा केयर इंडिया के सतीश कुमार के द्वारा की गई ।
स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दी गई जानकारी ही सर्वप्रथम बचाव है-
जिसमें बताया गया स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दी गई जानकारी ही सर्वप्रथम बचाव है तथा चमकी बुखार के लक्षण,व बचाव,सावधानियां, एम्बुलेंस का नम्बर के बारे मे विस्तृत चर्चा की गई । स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि बच्चों को रात में खाली पेट ना सुलाएं और किसी प्रकार की दिक्कत होने पर सीधे सरकारी अस्पतालों में लेकर जाएं । किसी प्रकार की ऐसी परेशानी होने पर देर ना करें । चमकी के लक्षण दिखाई पड़ने पर तुरंत इलाज कराएं ।
जनप्रतिनिधियों से भी अनुरोध किया गया कि वह अपने आसपास के बच्चों पर ध्यान दें-
चौपाल में उपस्थित जनप्रतिनिधियों से भी अनुरोध किया गया कि वह अपने आसपास के बच्चों पर ध्यान दें तथा चौपाल में मिली जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों में फैलाएं । स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि एईएस की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने को लेकर दलित, महादलित टोला में चौपाल लगातार कराने का निर्देश दिया गया है । इस निर्देश के आलोक में सभी आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी , अपने क्षेत्र में सभी लोगों के बीच एईएस व जेई के बारे में लोगों को लगातार जानकारी उपलब्ध करा रही हैं ।
पूर्वी चम्पारण जिले के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार चमकी से बचने के लिए चौपाल का आयोजन हो रहा केयर के ब्लॉक मैनेजर सतीश कुमार ने बताया ज्यादा गर्मी पड़ने पर औऱ ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है । बच्चे बेवजह धूप में घर से न निकलें , गन्दगी से बचें , कच्चे आम, लीची व कीटनाशकों से युक्त फलों का सेवन न करें , ताकि चमकी के साथ साथ अन्य मौसमी बीमारियों पर भी रोक लग सके । जिले के तमाम मेडिकल टीमों को जन जागरूकता व मेडिकल व्यवस्था के साथ एईएस से लड़ने के लिए तैयार किया गया है। इसके लिए मेहसी, चकिया, मधुबन, तेतरिया सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में तैयारियां की गई हैं। एईएस से बचाव के लिए महादलित टोलों के साथ जगह जगह स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। जीविका दीदियों, आशा फैसिलिटेटरों, नर्सो को समय समय पर एईएस से सम्बंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। माइकिंग की जा रही है। कीटनाशकों का निरंतर छिड़काव किया जा रहा है। बच्चों को एईएस से बचाने के लिए माता-पिता को शिशु के स्वास्थ्य के लिए अलर्ट रहना चाहिए। समय-समय पर देखभाल करते रहना चाहिए। बच्चों को संतुलित भोजन देना चाहिए। स्वस्थ बच्चों को मौसमी फलों, सूखे मेवों का सेवन करवाना चाहिए। साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। छोटे बच्चों को मां का दूध पिलाना बेहद आवश्यक है।
अप्रैल से जुलाई तक मस्तिष्क ज्वर की संभावना रहती है :
सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर सिंह ने बताया अप्रैल से जुलाई तक जिले में छह माह से 15 वर्ष तक के बच्चों में मस्तिष्क ज्वर की संभावना बनी रहती है। हालांकि इससे बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी है। केयर डिटीएल अभय कुमार ने बताया कि गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ताकि लोग चमकी बुखार मस्तिष्क ज्वर को सही समय पर जान सकें और समय पर इलाज कराकर सुरक्षित रह सकें।
सरकार द्वारा एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध :
सिविल सर्जन ने बताया बच्चों के इलाज में किसी भी प्रकार की गंभीर स्थिति होने पर सरकार द्वारा एंबुलेंस की सुविधाएं उपलब्ध हैं। अगर एंबुलेंस में कोई देरी भी होती है तो माता-पिता प्राइवेट भाड़ा कर गाड़ी लेकर जिला अस्पताल आ सकते हैं। उनके आने जाने का सारा किराया सरकारी स्तर पर मुफ्त दिया जाएगा।
* एईएस से बचने हेतु सावधानियां
– बच्चों को धूप से बचायें।
– ओ आर एस का घोल, नीम्बू पानी, चीनी लगातार पिलायें।
– रात में भरपेट खाना जरूर खिलाएं।
– बुखार होने पर शरीर को पानी से पोछें।
– पैरासिटामोल की गोली या सीरप दें।