महुआ मार्ग से मृदंग के थाप पर गाते बजाते दूधाभिषेक को गए पशुपालक बाबा को दूध चढ़ाकर मांगी पशुओं को स्वस्थ और निरोग रखने की मन्नत
महुआ, नवनीत कुमार
बाबा बसावन भूइंया स्थान पानापुर लंगा में शुक्रवार को दुग्धाभिषेक के लिए पशुपालकों की भीड़ उमड़ी। यहां मृदंग की थाप पर गाते बजाते पशुपालक पहुंचे और बाबा भूइंया को दूध चढ़ाकर पशुओं को निरोग और स्वस्थ होने की मन्नत मांगी। महुआ मार्ग से तो काफी संख्या में पशुपालक मृदंग की थाप पर पारंपरिक गीत गाते हुए दुग्धाभिषेक को पहुंचे। बताया गया कि बाबा बसावन भुइयां स्थान पानापुर लंगा में प्रत्येक शुक्रवार और सोमवार को पशुपालक दूध लेकर पहुंचते हैं। वे बाबा भूइंया को दूध चढाकर पशुओं को निरोग होने की कामना करते हैं। यहां से पशुपालक प्रसाद में भभूत ले जाते हैं जो पशुओं को लगाते हैं। बताया जाता है कि यहां बाबा बसावन भूइंया को दूध चढ़ाने से पशु निरोग और स्वस्थ होता है। जिला ही नहीं बल्कि कई जिले का यह बाबा भूइंया स्थान इकलौता है। यहां वैशाली जिले के कोने-कोने जलावा मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पटना, छपरा आदि जिले से भी पशुपालक पहुंचकर दूध चलाते हैं। मन्नत मान रखे कुछ श्रद्धालु मृदंग वादन के साथ बाबा के दरबार में पहुंचते हैं। वे बाबा के दरबार में वे दूध चढ़ाकर पशुओं को निरोग होने की मन्नत मांगते हैं। दुग्धाभिषेक के कारण यहां बसावन भूइंया ट्रस्ट को प्रत्येक शुक्रवार और सोमवार को और औसतन 25 से 30 क्विंटल दूध की प्राप्ति होती है। किसी पूजा-पाठ और शुभ मौके पर तो दूध चढ़ाने वालों की भीड़ से यह स्थान छोटा पड़ जाता है। यहां मेला भी लगा है। गृहस्थ जीवन के लिए पशु एक महत्वपूर्ण माना जाता है। पशु को पालकर एक गरीब परिवार उसकी दूध बेचकर अपनी जीवन का परवरिश भी कर लेता है। जबकि इसके गोबर खेत के लिए काफी लाभदायक माना गया है। गोबर देने से ही खेत मजबूत होती है और उसमें अच्छी उपज होती हैं।