मौसम की बेरुखी ने मूर्तिकारों पर ढाया शामत
1 min readमौसम की बेरुखी ने मूर्तिकारों पर ढाया शामत
महुआ। नवनीत कुमार/रेणु सिंह
मौसम की बेरुखी से मूर्तिकार परेशान हो रहे हैं। मूर्तिकारों को इस समय मौसम धोखा दे रहा है। जिससे मूर्ति बनाने को परेशानी हो रही है।
बसंत पंचमी पर माता सरस्वती की पूजन के लिए मूर्तिकारों द्वारा एक से बढ़कर एक आकर्षक मूर्तियां बनाई जा रही है। मूर्तिकारो को मूर्ति निर्माण में उनकी कला के साथ-साथ उनकी परंपराग पेशा भी जुड़ी होती है। जिससे वह आर्थिक आमदनी करते हैं और उसी से उनका घर परिवार चलता है। इस समय शिल्पकारों द्वारा माता सरस्वती की प्रतिमा बनाई जा रही है। शिल्पकारों ने बताया कि इस ठंड में उन्हें मिट्टी गुथने में ज्यादा परेशानी हो रही है। ठंड के कारण मिट्टी गुथना उनके लिए लोहे के चने चबाने के बराबर हो रहा है। समय बहुत कम है और अभी वे मूर्ति निर्माण को लेकर बांस बल्ले ठोक कर पुआल लपेटकर ढांचा तैयार की है। महुआ में मां सरस्वती की मूर्ति निर्माण से जुड़े बांकेलाल बिहारी, राकेश लाल बिहारी, जयप्रकाश बिहारी आदि ने बताया कि इस कड़ाके की ठंड में मूर्ति बनाना उन्हें भारी परेशानी है। उन्हें मिट्टी गुथने में दिक्कत हो रही है। हाथ ठंड से काम नहीं कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि मूर्ति का बयाना पहले ही लोग कर चुके हैं। जिन्हें मां सरस्वती की प्रतिमा बना कर देना उनकी मजबूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि मूर्ति निर्माण से उनके घर परिवार का जीवन भी जुड़ा होता है। वे विभिन्न अवसरों पर मूर्ति निर्माण कर उसे बेचते हैं। उसी से उनकी जीविका चलती है।