सावन को लेकर स्कूलों में अंडे की जगह 40 फीसद बढी फलों की मांग
सावन को लेकर स्कूलों में अंडे की जगह 40 फीसद बढी फलों की मांग
मध्यान भोजन संचालक को अंडा की जगह 35 से 40 फीसद अधिक फलों का करना पड़ा आपूर्ति, सावन माह को लेकर बच्चों में भी भक्ति का माहौल
महुआ। रेणु सिंह
सावन को लेकर स्कूली बच्चों में भी भक्ति का माहौल है। इस महीने मध्यान भोजन संचालक को खाने में अंडे की जगह फलों की 35 फीसद अधिक आपूर्ति करना पड़ रहा है। स्कूल में मैन्यू के अनुसार शुक्रवार को मिलने वाली दोपहर के भोजन में बच्चे अंडे की जगह फलों की मांग करते हैं।
महुआ में अवस्थित मिड डे मील एजेंसी को प्रखंड के कुल 183 विद्यालयों में भोजन किया पूर्ति करना पड़ता है। इसके अलावा यहां से चेहरा कला प्रखंड के 73 विद्यालयों में बच्चों के लिए दोपहर की भोजन आपूर्ति की जाती है। मैन्यू के अनुसार शुक्रवार को पुलाव छोला के साथ बच्चों को खाने में अंडे मिलते हैं। इसका कारण होता है कि इस दिन स्कूलों में उनकी उपस्थिति अधिक हो जाती है। खासकर ठंड महीने में तो अंडा खाने के लिए बच्चे काफी उत्साहित रहते हैं। जबकि इस सावन महीने में अंडे की जगह फलों की मांग हो रही है।
अंडे को नकार फल की ओर हाथ बढ़ाते हैं बच्चे:
स्कूल में शुक्रवार को मिलने वाली मिड डे मील के साथ अंडे की जगह विद्यालय प्रधान अंडे की मांग करते हैं। उनका कहना होता है कि बच्चे इस समय अंडे खाना नहीं चाहते हैं। इस कारण मिड डे मिल संचालकों इस समय अंडे की जगह 35 से 40 फीसद अधिक फलों की आपूर्ति करनी पड़ रही है। संचालक द्वारा बताया गया कि अभी फल की मांग अधिक हो रही है। जिसके कारण उन्हें इसकी आपूर्ति करनी पड़ रही है। बच्चे शुक्रवार को पुलाव छोला के साथ केला या सेव की ओर हाथ बढ़ाते हैं। हालांकि एजेंसी संचालक ने यह भी बताया कि उन्हें फलों की आपूर्ति करने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। वे विद्यालयों में मांग के अनुसार फलों की आपूर्ति कर रहे हैं। इसके लिए वह केला और सेव मंगा रहे हैं। यह भी बताया गया कि अन्य दिनों की भांति शुक्रवार को फल की आपूर्ति होने के कारण बच्चों के उपस्थिति बढ़ जा रही है। कुल मिलाकर यह सावन महीना बच्चों के लिए भी पवित्र माना जा रहा है। स्कूल द्वारा यह भी बताया गया कि जो बच्चे अंडा लेते हैं वह उसे घर ले जाते हैं।