January 6, 2024

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दो हज़ार प्रति क्विंटल थोक बिक रही प्याज उछलकर पहुंची 26 सौ से 28 सौ तक,

दो हज़ार प्रति क्विंटल थोक बिक रही प्याज उछलकर पहुंची 26 सौ से 28 सौ तक, बाहर से आने वाली आलू की कीमत में भी क्विंटल दो सौ से 300 तक का उछाल
महुआ। रेणु सिंह
ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के कारण विभिन्न किराना सामानों की कीमत में भारी उछाल आई है। सबसे ज्यादा तो प्याज की कीमत में उछाल आई है। जिससे यह हर लोगों के पहुंच से दूर हो गई है। भारी कीमत से नरमी आई प्याज में उछाल से लोग इसे फिर किलो की जगह पाव में खरीदारी करने लगे हैं।
शुक्रवार को यहां हाट बाजार में प्याज की भारी कीमत सुन हर लोग हैरत में थे। लोगों ने बताया कि प्याज की कीमत में जमाखोरों द्वारा भारी इजाफा कर मनमौजी कीमत वसूली जा रही है। ट्रांसपोर्टरो की हड़ताल के पूर्व यह दो हजार से 22 सौ रुपए प्रति क्विंटल बिक रही थी। जिसकी कीमत इस समय 26 सौ से 28 सौ प्रति क्विंटल ली जा रही है। यहां बाजार के जवाहर चौक पर तो प्याज की कीमत सुन लोग दंग रह जा रहे थे। हड़ताल के पूर्व 25 के प्रति किलो खुदरा बिकने वाली प्याज यहां दुकानदार 35 के प्रति किलो प्याज बेच रहे थे। वही बाजार के गोला रोड में 30 रुपए प्रति किलो खुदरा बिक्री की जा रही थी। जितना मन उतने मूल्य दुकानदार प्याज की लगा रखे थे। यहां ट्रांसपोर्टरों के हड़ताल के बाद दुकानदार मन मुताबिक सामानों की कीमत भी लेने लगे हैं। पूछने पर दुकानदारों ने बताया कि प्याज की कीमत घटकर‌ दो हजार प्रति क्विंटल हो गई थी। जिसमें चालकों की हड़ताल के कारण सामान नहीं आने से मूल्य में इजाफा हुआ है। उधर थोक में 9 सौ रुपए प्रति क्विंटल बिकने वाली नया आलू भी बढ़कर 11 से 12 सौ रुपए प्रति क्विंटल बिक रही है। इसके साथ ही दाल की कीमत में उछाल आई है। अन्य किराना लाल मिर्च, धनिया, हल्दी आदि वस्तुओं में भी दुकानदार अधिक मूल्य ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि यहां जमाखोरों की चांदी कट रही है। एसयूसीआई के जिला सचिव ललित कुमार घोष, एआईएसएफ के प्रकाश प्रियदर्शी, सफदर इरशाद, बच्चा बाबू आदि ने जमाखोरों पर कार्रवाई करने की मांग की है।

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चमकी से मासूम की मौत पर पीड़ित के घर पहुंची मेडिकल टीम महुआ। रेणु सिंह चमकी बुखार से एक मासूम की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई और मेडिकल टीम शुक्रवार को पीड़ित के घर पहुंच कर स्थिति का जायाजा लिया। टीम द्वारा पीड़ित परिजन से बच्चे के बारे में विभिन्न जानकारियां हासिल कर उसे विभाग को भेजा। घटना महुआ नगर परिषद के वार्ड संख्या 06 छतवारा चकशेख निजाम की है। उक्त गांव निवासी योगेन्द्र राम की पोती और मनीष राम की पुत्री डेढ़ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी को बीते 25 अप्रैल को चमकी की लक्षण आई थी। इस बीच घर के लोग उसे इलाज के लिए महुआ के एक निजी बच्चा अस्पताल में ले गए जहां से उसकी स्थिति नाजुक देखते हुए हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था। बच्ची को परिजन उसी दिन सदर अस्पताल ले गए। जहां से शाम में उसे चमकी के लक्षण को देखते हुए सदर अस्पताल द्वारा नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पटना रेफर किया गया था। बताया जा रहा है कि अस्पताल में 12 घंटे इलाज के बाद 26 अप्रैल की भोर में बच्ची ने दम तोड़ दिया। इधर नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल द्वारा बच्ची की मौत चमकी से होना बताए जाने के एक सप्ताह बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और मेडिकल टीम में शामिल महुआ पीएचसी के डॉ अमर कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक प्रकाश कुमार, बीसीएम आफताब आलम के साथ महुआ नप के सभापति नवीन चंद्र भारती, वसीम आलम, आशा कर्मी शर्मिला आदि पीड़ित के घर पहुंचकर परिजनों से विभिन्न जानकारियां हासिल की। चमकी से मौत का महुआ क्षेत्र में यह पहला केस माना जा रहा है। मनीष की पहली बच्ची थी लक्ष्मी: मृतिका डेढ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी अपने पिता मनीष राम की पहली संतान थी। मनीष राम फेरी में ब्रेड, चाकलेट आदि बेचकर घर परिवार चलाते हैं। वही दादा योगेंद्र राम मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि बच्ची को बुखार के साथ चमकी के लक्षण आई थी। जिसे वह हल्के में लिए और इलाज के लिए महुआ के एक बच्चा अस्पताल में ले गए। जहां से उसे स्थिति गंभीर बताते हुए रेफर कर दिया गया था। यह भी बताया जा रहा है कि बच्ची को विभिन्न टीका के साथ जेई का टीका भी बीते 22 मार्च कोई लगाया गया था। टीम ने माना बच्ची कुपोषित और कमजोर थी: मेडिकल टीम द्वारा बताया गया कि बच्ची कुपोषित और कमजोर थी। जिसे अनुमंडल अस्पताल में चल रहे एनआरसी में रखा गया था। उन्होंने यह भी बताया कि बच्ची की मौत का कारण एनएमसीएच द्वारा चमकी के लक्षण बताए गए हैं। इधर चमकी से बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन सजग होते हुए उक्त बस्ती में ओआरएस का वितरण कराकर बीमारी के लक्षण और बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया।

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