January 17, 2024

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जिले में घर-घर कालाजार रोगी खोज अभियान की होगी शुरुआत

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जिले में घर-घर कालाजार रोगी खोज अभियान की होगी शुरुआत

– वर्ष 2023 में भीएल के 19, पीकेडीएल के मिले 7 मरीज

– चकिया, मधुबन, कल्याणपुर सदर अस्पताल मोतिहारी में निःशुल्क इलाज की है व्यवस्था

– कालाजार एवं पीकेडीएल होने पर मिलती है सरकारी सहायता

मोतिहारी, 17 जनवरी

जिले में कालाजार मरीजों को चिन्हित करने को लेकर घर-घर कालाजार रोगी खोज अभियान की शुरुआत जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में प्रस्तावित है। इस सम्बन्ध मे डॉ० अशोक कुमार, अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, मुख्य मलेरिया पटना द्वारा जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को अभियान शुरू करने को लेकर पत्र जारी किया गया है। इस सम्बन्ध मे जिले के डीभीडीसीओ डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा कालाजार उन्मूलन लक्ष्य के स्तर को बनाये रखने हेतु कालाजार/ पीकेडीएल /एच आई वी, भी एल के छुपे हुए रोगियों की घर-घर खोज कर ससमय जाँच एवं उपचार सुनिश्चित करने का निर्देश प्राप्त हुआ है, इसके आलोक में जिले के प्रभावित ग्रामों में आशाओं,आशा फेसिलिटीटर व अन्य स्वस्थ्य कर्मियों के सहयोग से गाँव में प्रचार-प्रसार के साथ घर-घर कालाजार रोगी खोज प्रारम्भ किया जाएगा। उन्होंने बताया की भीएल /पीकेडीएल /एच आई वी, भीएल रोगियों की खोज वर्ष 2021, 2022 एवं 2023 तक में प्रतिवेदित कालाजार मरीजों के घर के चारों दिशाओं में अवस्थित 50-50 घरों (अधिकतम 200 से 250 घरों) में घर-घर कालाजार मरीजों की खोज की जानी है। डॉ शर्मा ने बताया कि वर्ष 2021 में भी एल के 51 पीकेडीएल के17 मरीज 2022 मे भीएल के 46 एवं पीकेडीएल के 17 मरीज मिले, वहीं 2023 मे भीएल के 19, पीकेडीएल के 7 मरीज मिलें है। वर्ष 2021 की तुलना मे 63 प्रतिशत की कमी हुई है। कालाजार होने पर मुख्यमंत्री श्रम क्षतिपूर्ति योजना अन्तर्गत 6600 रुपए भारत सरकार द्वारा 500 रुपए दिए जाते है वहीं पीकेडीएल उपचार पूर्ण होने पर 4000 रु की सरकारी सहायता दी जाती है।

आर के-39 किट से होगी जाँच:

रोगी खोज के दौरान 15 अथवा 15 दिनों से अधिक बुखार से पीड़ित व्यक्ति जिन्होंने बुखार के दौरान मलेरिया की दवा अथवा एन्टीबायोटिक दवा का सेवन किया हो एवं उसके बाद भी बुखार ठीक न हुआ हो, भूख की कमी एवं उदर का बड़ा होना जैसे लक्षण हो उन्ही व्यक्तियों की जाँच आर के -39 किट द्वारा किये जाने हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को रेफर किया जाना है। वैसे मरीज जो दो य तीन दिनों के बुखार पीड़ित हो उनका फालोअप 15 दिनो के बाद किया जाना है। वहीं
यदि किसी व्यक्ति ने कालाजार का ईलाज पूर्व में कराया हो फिर भी उन में बुखार के साथ कालाजार के लक्षण पाये जाए तो उन्हें आरके -39 किट से जॉब न करते हुए बोनमैरो / स्पलीन अस्पिरेशन जाँच हेतु आशा द्वारा उन मरीजों को सदर अस्पताल रेफर किया जाय तथा उनके नाम की प्रविष्टी रेफरल पर्ची में की जाय ।
वैसे व्यक्ति जिन्हे बुखार न हो लेकिन उनके शरीर के चमडे पर चकता अथवा दाग हो किन्तु उसमें सूनापन न हो तथा वे पूर्व में कालाजार से पीडित रहे हो, वैसे व्यक्तियों को भी आरके -39 किट से जाँच हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को रेफर किया जाना है एवं इसकी प्रविष्टी रेफरल पर्ची में किया जाना है। यदि जाँच धनात्मक पाया जाता है तो उन मरीजों को पीकेडीएल मानते हुए पीएचसी पर ही दवा से ईलाज प्रारंभ कराना सुनिश्चित करना है।

सदर अस्पताल मोतिहारी के साथ इन स्वास्थ्य केंद्र पर है निःशुल्क इलाज की व्यवस्था:

डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि जिले के चकिया, मधुबन, कल्याणपुर सदर अस्पताल मोतिहारी में इलाज की व्यवस्था उपलब्ध है,वहीं जिले के सभी पीएचसी में कालाजार की जांच की जाती है।

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