बिहार के कद्दावर पासमंदा नेता इरफान जामियावाला ने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर साधा निशाना
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बिहार के कद्दावर पासमंदा नेता इरफान जामियावाला ने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर साधा निशाना
पटना।
बिहार के प्रमुख पसमांदा मुस्लिम नेता इरफान जामियावाला ने एक बार फिर कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि “इंडिया गठबंधन” ने 14% पसमांदा मुसलमानों की आवाज़ और उनके असली मुद्दों को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया है।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन द्वारा जारी अति पिछड़ा न्याय संकल्प पत्र में कहीं भी पसमांदा मुसलमानों का जिक्र नहीं है और न ही उनके सबसे बड़े मुद्दे अनुच्छेद 341(3) यानी मुस्लिम अनुसूचित जातियों के आरक्षण अधिकार पर कोई बात की गई।
इरफान जामियावाला ने कांग्रेस को याद दिलाया कि
“10 अगस्त 1950 को कांग्रेस सरकार ने राष्ट्रपति आदेश के जरिए पसमांदा मुसलमानों से अनुसूचित जाति का हक छीन लिया था। यह एक ऐतिहासिक भूल थी, जिसका खामियाजा आज भी लाखों दलित मुसलमान भुगत रहे हैं। यदि इंडिया गठबंधन ईमानदार है तो उन्हें अपने संकल्प पत्र में यह लिखना चाहिए था कि सरकार में आने पर वे इस गलती को सुधारेंगे और मुस्लिम दलितों को उनका हक़ – आरक्षण – वापस देंगे।”
उन्होंने कहा कि महागठबंधन का नया दस्तावेज़ भले ही अति पिछड़ों के लिए कई प्रावधानों का वादा करता है, लेकिन पसमांदा मुस्लिमों को उसमें जगह न देना उनके साथ राजनीतिक धोखा है।
महागठबंधन का जारी अति पिछड़ा न्याय संकल्प पत्र
बैठक के बाद जारी किए गए इस पत्र में निम्नलिखित वादे किए गए हैं:
1. ‘अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम’ पारित किया जाएगा।
2. पंचायत और नगर निकाय में अतिपिछड़ा वर्ग का आरक्षण 20% से बढ़ाकर 30% किया जाएगा।
3. आरक्षण की सीमा 50% से ऊपर ले जाने के लिए कानून बनाकर उसे नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाएगा।
4. चयन प्रक्रिया में “Not Found Suitable” (NFS) अवधारणा को अवैध घोषित किया जाएगा।
5. अतिपिछड़ा वर्ग की सूची में समावेशन/बहिष्कार से संबंधित मामलों के लिए कमेटी बनाई जाएगी।
6. भूमिहीन अतिपिछड़ा, एससी, एसटी और ओबीसी परिवारों को शहरी क्षेत्रों में 3 डिसमिल व ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डिसमिल आवासीय भूमि दी जाएगी।
7. निजी विद्यालयों में शिक्षा अधिकार अधिनियम (2010) के तहत आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा अतिपिछड़ा, पिछड़ा, एससी और एसटी बच्चों को मिलेगा।
8. 25 करोड़ रुपये तक के सरकारी ठेकों/आपूर्ति कार्यों में 50% आरक्षण SC, ST, OBC और अतिपिछड़ा को दिया जाएगा।
9. धारा 15(5) के अंतर्गत निजी शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण लागू किया जाएगा।
10. एक उच्च अधिकार प्राप्त आरक्षण नियामक प्राधिकरण का गठन होगा और जातियों की आरक्षण सूची में बदलाव केवल विधान मंडल की अनुमति से ही संभव होगा।
निष्कर्ष
जहाँ महागठबंधन ने अतिपिछड़ा वर्ग के लिए कई ठोस वादे किए हैं, वहीं इरफान जामियावाला ने सवाल उठाया है कि पसमांदा मुसलमानों और मुस्लिम दलितों का क्या?
उन्होंने साफ कहा कि अगर इंडिया गठबंधन सचमुच न्याय चाहता है तो उन्हें सबसे पहले 1950 की गलती सुधारकर, पसमांदा मुस्लिम समाज को आरक्षण में उनका संवैधानिक हिस्सा देना होगा।
इरफान जामियावाला
राष्ट्रीय महासचिव: आल इंडिया पासमंदा मुस्लिम महाज़ महुआ, सिंघाड़ा, वैशाली
फोन न. 9076196374