November 28, 2023

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देव दीपावली पर मंदिरों और घरों पर जलाए दीप

देव दीपावली पर मंदिरों और घरों पर जलाए दीप
महुआ। रेणु सिंह
कार्तिक पूर्णिमा देव दीपावली पर सोमवार को विभिन्न मंदिरों, घरों पर लोगों ने घी के दीए जलाए और खुशी मनाया। मंदिरों पर तो लोगों ने दीए जलाकर जगमग कर दिए।
महुआ के कालीघाट स्थित शिव मंदिर, राधे कृष्ण मंदिर सहित विभिन्न मंदिर, मंगरू चौक सदापुर स्थित काली मंदिर, पुराना बाजार स्थित महावीर मंदिर, फुलवरिया काली मंदिर, सरसई सरोवर स्थित कैलाश धाम, शिव शक्ति मंदिर, कुड़ियां स्थित महावीर मंदिर गोविंदपुर स्थित शक्तिपीठ देवी मंदिर आदि दीए जलाकर देव दीपावली मनाई गई। घरों पर लोगों ने अपने अनुसार दिए जलाए। कही 51 तो कहीं 101 दीए जलाए गए। देव दीपावली को लेकर महिलाओं में भक्ति और उत्साह चरम पर रहा। उन्होंने सज धज कर शाम होते ही कुल देवता से लेकर घर के विभिन्न जगहों पर दीए जलाने लगे। इसको लेकर गांव में भी भक्ति का माहौल रहा। श्रद्धालुओं ने बताया कि इस दिन घरों में घी के दीए जलाने चाहिए। इस दिन देवता लोग दिवाली मनाते हैं। सुजाता कुमारी, रिंकू कुमारी, मोनी कुमारी, पूजा कुमारी, निशा कुमारी, गुड़िया, वंदना, प्रिया, स्वाती, संगीता, सविता, कंचन, अमृता, रेखा आदि ने बताया कि आज काफी खुशी का दिन है।

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चमकी से मासूम की मौत पर पीड़ित के घर पहुंची मेडिकल टीम महुआ। रेणु सिंह चमकी बुखार से एक मासूम की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई और मेडिकल टीम शुक्रवार को पीड़ित के घर पहुंच कर स्थिति का जायाजा लिया। टीम द्वारा पीड़ित परिजन से बच्चे के बारे में विभिन्न जानकारियां हासिल कर उसे विभाग को भेजा। घटना महुआ नगर परिषद के वार्ड संख्या 06 छतवारा चकशेख निजाम की है। उक्त गांव निवासी योगेन्द्र राम की पोती और मनीष राम की पुत्री डेढ़ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी को बीते 25 अप्रैल को चमकी की लक्षण आई थी। इस बीच घर के लोग उसे इलाज के लिए महुआ के एक निजी बच्चा अस्पताल में ले गए जहां से उसकी स्थिति नाजुक देखते हुए हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था। बच्ची को परिजन उसी दिन सदर अस्पताल ले गए। जहां से शाम में उसे चमकी के लक्षण को देखते हुए सदर अस्पताल द्वारा नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पटना रेफर किया गया था। बताया जा रहा है कि अस्पताल में 12 घंटे इलाज के बाद 26 अप्रैल की भोर में बच्ची ने दम तोड़ दिया। इधर नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल द्वारा बच्ची की मौत चमकी से होना बताए जाने के एक सप्ताह बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और मेडिकल टीम में शामिल महुआ पीएचसी के डॉ अमर कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक प्रकाश कुमार, बीसीएम आफताब आलम के साथ महुआ नप के सभापति नवीन चंद्र भारती, वसीम आलम, आशा कर्मी शर्मिला आदि पीड़ित के घर पहुंचकर परिजनों से विभिन्न जानकारियां हासिल की। चमकी से मौत का महुआ क्षेत्र में यह पहला केस माना जा रहा है। मनीष की पहली बच्ची थी लक्ष्मी: मृतिका डेढ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी अपने पिता मनीष राम की पहली संतान थी। मनीष राम फेरी में ब्रेड, चाकलेट आदि बेचकर घर परिवार चलाते हैं। वही दादा योगेंद्र राम मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि बच्ची को बुखार के साथ चमकी के लक्षण आई थी। जिसे वह हल्के में लिए और इलाज के लिए महुआ के एक बच्चा अस्पताल में ले गए। जहां से उसे स्थिति गंभीर बताते हुए रेफर कर दिया गया था। यह भी बताया जा रहा है कि बच्ची को विभिन्न टीका के साथ जेई का टीका भी बीते 22 मार्च कोई लगाया गया था। टीम ने माना बच्ची कुपोषित और कमजोर थी: मेडिकल टीम द्वारा बताया गया कि बच्ची कुपोषित और कमजोर थी। जिसे अनुमंडल अस्पताल में चल रहे एनआरसी में रखा गया था। उन्होंने यह भी बताया कि बच्ची की मौत का कारण एनएमसीएच द्वारा चमकी के लक्षण बताए गए हैं। इधर चमकी से बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन सजग होते हुए उक्त बस्ती में ओआरएस का वितरण कराकर बीमारी के लक्षण और बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया।

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