हम रहें ना रहें हमारा आसमां होगा ( कविता) – चंदन चौबे
मोहन कुमार की रिपोर्ट
हम रहें ना रहें हमारा आसमां होगा ( कविता) – चंदन चौबे
हम रहें ना रहें हमारा आसमां होगा
गगन तक नाम गुजेंगा सफल हर रास्ता होगा
गिर गया तो क्या समझे उठेंगे ना कभी भी हम
हलक में आवाज़ रह जाएगी होश ना तेरा होगा
हम रहें ना रहें हमारा आसमां होगा
अभी तो कहना ही तुम्हें, मेरा नाम सुख से वास्ता होगा
संघर्ष है भरा जीवन तो कोई कहता ही क्या होगा
जीत जब नाम कर लूंगा सुबह भी शाम कर दूंगा
तेरी सोच से उपर जब मेरा ये जहां होगा
हम रहें ना रहें हमारा आसमां होगा
दिल विल प्यार व्यार होता नहीं कुछ भी
सब झूठ के परिंदे कहते नहीं कुछ भी
बदनामी का सेहरा जब तेरे माथ बोलेगा
हम रहें ना रहें हमारा आसमां होगा
टालो नहीं कुछ भी गर ठाना है तुमने तो
त्याग दो सबकुछ गर पाना है सबकुछ तो
सोते ही रहने से नैया पार ना होगा
हम रहें ना रहें हमारा आसमां होगा
सोचो जब वो होगे तुम ,जो सपने हैं तुम्हारे
वो भी अपने होंगे जो बेगाने थे कभी तुम्हारे
खुशियों से भरा जब जब आशियां होगा
हम रहें ना रहें हमारा आसमां होगा।
– चंदन चौबे,लेखक, पत्रकार