महुआ के कन्हौली रामजानकी मंदिर पर भगवान राम का हुआ जन्म तो बाजी बधायां चैता गीतों पर झूमे लोग
1 min readमहुआ के कन्हौली रामजानकी मंदिर पर भगवान राम का हुआ जन्म तो बाजी बधायां,चैता गीतों पर झूमे लोग
महुआ, रेणु सिंह
रामनवमी पर गुरुवार को राम जानकी मंदिरों पर भगवान राम का जन्म होते ही बधाई गीतों के साथ महिलाओं ने मंगल गीत और साथ सोहर गाए। साथ में भए प्रगट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी की धुन गूंज उठे।
कन्हौली के राम जानकी मंदिर पर भगवान राम का जन्म कराया गया। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने जयकारे लगाएं। यहां आचार्य पंडित द्वारा वेद पाठ पढ़े गए। पंडितों ने श्रद्धालुओं को भगवान राम के बारे में बताया कि चैत शुक्ल पक्ष नवमी को उनका जन्म हुआ था। यह दिन मंगलकारी है। इस दिन कोई कार्य करने में कोई विघ्न बाधा नहीं आती। इसी के साथ संकीर्तन मंडली द्वारा चैता गाकर स्थल को भाव में बना दिया गया। यहां नव दुर्गे की भव्य प्रतिमा बनाई गई है। जहां कलश स्थापना कर श्रद्धालुओं ने पूरे 9 दिनों तक दुर्गा पाठ किया। गुरुवार को माता सिद्धिदात्री के पूजन के साथ हवन कर नवरात्र का समापन किया। यहां माता पूजन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे। महिलाओं की भीड़ से तो पूजन स्थल अस्त व्यस्त हो गया। हवन करने के लिए भीड़ रही। रामनवमी पर सैकड़ों वर्ष से मेला लगते आ रहा है। इस बार भी मेला लगा। इस मेले का बेल नामी है। इसी के साथ मिट्टी के बने खिलौने, महिला प्रसाधन, चाट, समोसे, पकोड़े, गोलगप्पे, आइसक्रीम, जलेबी आदि की खूब बिक्री हुई। उधर गायत्री शक्तिपीठ रानीपोखर डुमरी में भी हवन कर नवरात्र का समापन किया गया। शक्तिपीठ गोविंदपुर में माता का पूजन करने के लिए भीड़ उमड़ी। यहां हवन कर नवरात्रि की विधिवत समापन आचार्य द्वारा कराया गया।