दीदरगंज अंचल कार्यालय में सुशासन की धज्जियां उड़ाता राजस्व कर्मचारी पारस भास्कर ।
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दीदरगंज अंचल कार्यालय में सुशासन की धज्जियां उड़ाता राजस्व कर्मचारी पारस भास्कर ।
(दाखिल-खारिज व परिमार्जन बिना रिश्वत के नहीं होते )
पटना सीटी ! कहने को तो बिहार में सुशासन बाबू की सरकार है, लेकिन इन्हीं के पदाधिकारी एवं कर्मचारियों की द्वारा सुशासन की ऐसी की तैसी करते देखे जा रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण पटना सिटी के अंतर्गत दीदारगंज अंचल है जहां पर पदास्थापित कर्मचारी पारस भास्कर एवं परशुराम सिंह की मनमानी चरम सीमा पर है।बिना रिश्वत के दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन के काम नहीं होते । जनता परेशान रहता है लेकिन उक्त कर्मचारी पर कोई असर नहीं पड़ता।हालत यह है कि इस कर्मचारी के लिए कोई नियम कानून नहीं है । परिमार्जन दाखिल-खारिज के मामले में बिना चढ़ावे के काम नहीं किया जा रहा है। लोग कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं,पर उनके काम नहीं हो पा रहे हैं। इससे एक तरफ सरकार की बदनामी हो रही है, तो दूसरी तरफ लोगों में सरकार के विरुद्ध आक्रोश पैदा हो रहा है।
35 दिन व 75 दिन का है मामला : सरकार ने निर्देश दिया है कि दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन से संबंधित मामले को 35 दिनों के अंदर या फिर अंतिम रूप से 75 दिनों के अंदर निष्पादन करना है,ताकि लोगों को सुविधा हो सके. पर ऐसा नहीं किया जा रहा है। ताकि सरकार मि बदनामी हो सके। दीदरगंज अंचल में पदस्थापित कर्मचारी पारस भास्कर को अपने आला अधिकारियो का कोई भय नही रहता। जो मन मे आता वो अपने मन से सरकार के आदेश को ताख पर रख कर कार्य करते है। सरकार की चाहे जितनी बदनामी हो,जनता चाहे जितना परेशान हो लेकिन कर्मचारी पर कोई प्रभाव पड़ने वाला नहीं है। यदि आला अधिकारी इस पर कार्रवाई नहीं करते तो जनता का आक्रोश एक दिन फूट पड़ेगा और इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा।
