January 31, 2022

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आक्रोशित ग्रामीणों ने चकनसिर गांव में जमकर बबाल किया तथा निर्माण कार्य को बाधित कर दिया./रिपोर्ट बबलू मिश्रा

पातेपुर अरविंद कुमार मिश्रा उर्फ बबलू मिश्रा की रिपोर्ट।

पातेपुर के महुआ ताजपुर मार्ग के बहुआरा शिव मंदिर के पास से होते हुए पातेपुर बाजार से खेसराही, सुक्की गांव तक जाने वाली मुख्य सड़क के निर्माण में संवेदक द्वारा मानक के अनुरूप सड़क निर्माण नही किये जाने तथा घटिया सामग्री का उपयोग किये जाने को लेकर चकनासिर गांव में ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी की तथा कुछ देर के लिए कार्य को बाधित कर दिया.  इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार पातेपुर प्रखंड स्थित सुक्की गांव से डढूआ, चकनसिर, खेसराही, पातेपुर बाजार से होते हुए एसएच 49 से जोड़ने वाली मुख्य मार्ग के निर्माण के दौरान निर्माण कार्य मे लगे कंपनी के द्वारा सड़क निर्माण के मानक के अनुरूप कार्य नही कराए जाने तथा निर्माण कार्य मे घटिया मेटेरियल का उपयोग किये जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने चकनसिर गांव में जमकर बबाल किया.लोगो ने थोड़ी देर के लिए निर्माण कार्य को बाधित कर दिया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पी डब्लू डी द्वारा निर्मित सड़क में सड़क निर्माण के मानक के अनुरूप सामग्री का उपयोग नही किया जा रहा है. एक तरफ सड़क बन रही है वही दूसरी ओर से टूटती जा रही है. 

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चमकी से मासूम की मौत पर पीड़ित के घर पहुंची मेडिकल टीम महुआ। रेणु सिंह चमकी बुखार से एक मासूम की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई और मेडिकल टीम शुक्रवार को पीड़ित के घर पहुंच कर स्थिति का जायाजा लिया। टीम द्वारा पीड़ित परिजन से बच्चे के बारे में विभिन्न जानकारियां हासिल कर उसे विभाग को भेजा। घटना महुआ नगर परिषद के वार्ड संख्या 06 छतवारा चकशेख निजाम की है। उक्त गांव निवासी योगेन्द्र राम की पोती और मनीष राम की पुत्री डेढ़ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी को बीते 25 अप्रैल को चमकी की लक्षण आई थी। इस बीच घर के लोग उसे इलाज के लिए महुआ के एक निजी बच्चा अस्पताल में ले गए जहां से उसकी स्थिति नाजुक देखते हुए हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था। बच्ची को परिजन उसी दिन सदर अस्पताल ले गए। जहां से शाम में उसे चमकी के लक्षण को देखते हुए सदर अस्पताल द्वारा नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पटना रेफर किया गया था। बताया जा रहा है कि अस्पताल में 12 घंटे इलाज के बाद 26 अप्रैल की भोर में बच्ची ने दम तोड़ दिया। इधर नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल द्वारा बच्ची की मौत चमकी से होना बताए जाने के एक सप्ताह बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और मेडिकल टीम में शामिल महुआ पीएचसी के डॉ अमर कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक प्रकाश कुमार, बीसीएम आफताब आलम के साथ महुआ नप के सभापति नवीन चंद्र भारती, वसीम आलम, आशा कर्मी शर्मिला आदि पीड़ित के घर पहुंचकर परिजनों से विभिन्न जानकारियां हासिल की। चमकी से मौत का महुआ क्षेत्र में यह पहला केस माना जा रहा है। मनीष की पहली बच्ची थी लक्ष्मी: मृतिका डेढ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी अपने पिता मनीष राम की पहली संतान थी। मनीष राम फेरी में ब्रेड, चाकलेट आदि बेचकर घर परिवार चलाते हैं। वही दादा योगेंद्र राम मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि बच्ची को बुखार के साथ चमकी के लक्षण आई थी। जिसे वह हल्के में लिए और इलाज के लिए महुआ के एक बच्चा अस्पताल में ले गए। जहां से उसे स्थिति गंभीर बताते हुए रेफर कर दिया गया था। यह भी बताया जा रहा है कि बच्ची को विभिन्न टीका के साथ जेई का टीका भी बीते 22 मार्च कोई लगाया गया था। टीम ने माना बच्ची कुपोषित और कमजोर थी: मेडिकल टीम द्वारा बताया गया कि बच्ची कुपोषित और कमजोर थी। जिसे अनुमंडल अस्पताल में चल रहे एनआरसी में रखा गया था। उन्होंने यह भी बताया कि बच्ची की मौत का कारण एनएमसीएच द्वारा चमकी के लक्षण बताए गए हैं। इधर चमकी से बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन सजग होते हुए उक्त बस्ती में ओआरएस का वितरण कराकर बीमारी के लक्षण और बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया।

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