January 31, 2022

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लक्ष्य की प्राप्ति के सपना लिए विदा हुए न्यू जय मां सरस्वती कोचिंग सेंटर के विद्यार्थी । रिपोर्ट सुधीर मालाकार ।

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लक्ष्य की प्राप्ति के सपना लिए विदा हुए न्यू जय मां सरस्वती कोचिंग सेंटर के विद्यार्थी । रिपोर्ट सुधीर मालाकार । महुआ (वैशाली) प्रखंड क्षेत्र के चक फतेह ग्राम में संचालित न्यू जय मां सरस्वती कोचिंग सेंटर के 12वीं के छात्र छात्राएं लक्ष्य की प्राप्ति के सपना संजोए अपने कोचिंग सेंटर से विदा हुए । विदाई समारोह से पूर्व बच्चों की योग्यता की जांच के लिए प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन किया गया था, जिसमें सभी छात्र-छात्राएं अच्छे अंको से पास हुए। जिन्हें आज विदाई समारोह में प्रशस्ति पत्र, मेडल देकर विदा किया गया । विदाई समारोह की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के डायरेक्टर रामप्रवेश सिंह ने कहा कि यहां बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण संस्कार भी दिए जाते हैं ।अनुशासन में रहकर यहां के विद्यार्थी विद्या अध्ययन करते हैं। यही कारण है कि विद्यार्थी अच्छे अंको से पास करते हैं। समारोह को संबोधित करते हुए उच्च विद्यालय चांद सराय के प्राचार्य सुनील कुमार मिश्र ने कहा कि जब तक बच्चों में उचित शिक्षा नहीं दी जाएगी, तब तक उनका विकास नहीं हो सकेगा। समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षक डॉ आलोक कुमार ने परीक्षा होने वाली गतिविधियों एवं से भयमुक्त होकर कैसे परीक्षा दी जाए, इसकी सारी जानकारियां बारीकी से दी। मौके पर पत्रकार सुधीर मालाकार एवं सुधीर कुमार सिंह ने बच्चों को लक्ष्य प्राप्ति में होने वाली बाधाओं को दूर करने का मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर अपने विचार रखने वालों में डॉ धर्मवीर सिंह ,प्रेमराज कॉलेज के बड़ा बाबू राघवेंद्र सिंह , विपिन कुमार ,अजीत कुमार ,अजंत कुमार ,राकेश कुमार ,राहुल कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे ।कोचिंग संस्थान के संचालक सह शिक्षक अमित कुमार सरस्वती ने तमाम आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए शॉल तथा अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया । बच्चों को मोमेंटो एवं मेंडल देकर हौसला अफजाई की । विदाई के समय छात्र छात्राओं के मन में उमंग व उल्लास भरी हुई थी ,वहीं दूसरी तरफ उनके अंदर ही अंदर अपने स्नेहयुक्त शिक्षक एवं सहपाठियों को खोने की गम आंखों में अस्पष्ट दिखाई दे रहे थे ।अब तो परीक्षा के परिणाम के बाद ही पता चल सकेगा कि ,किस विद्यार्थी में कितनी तैयारी थी ।यह तो आने वाले वक्त में ही पता चल सकेगा ।

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चमकी से मासूम की मौत पर पीड़ित के घर पहुंची मेडिकल टीम महुआ। रेणु सिंह चमकी बुखार से एक मासूम की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई और मेडिकल टीम शुक्रवार को पीड़ित के घर पहुंच कर स्थिति का जायाजा लिया। टीम द्वारा पीड़ित परिजन से बच्चे के बारे में विभिन्न जानकारियां हासिल कर उसे विभाग को भेजा। घटना महुआ नगर परिषद के वार्ड संख्या 06 छतवारा चकशेख निजाम की है। उक्त गांव निवासी योगेन्द्र राम की पोती और मनीष राम की पुत्री डेढ़ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी को बीते 25 अप्रैल को चमकी की लक्षण आई थी। इस बीच घर के लोग उसे इलाज के लिए महुआ के एक निजी बच्चा अस्पताल में ले गए जहां से उसकी स्थिति नाजुक देखते हुए हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था। बच्ची को परिजन उसी दिन सदर अस्पताल ले गए। जहां से शाम में उसे चमकी के लक्षण को देखते हुए सदर अस्पताल द्वारा नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पटना रेफर किया गया था। बताया जा रहा है कि अस्पताल में 12 घंटे इलाज के बाद 26 अप्रैल की भोर में बच्ची ने दम तोड़ दिया। इधर नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल द्वारा बच्ची की मौत चमकी से होना बताए जाने के एक सप्ताह बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और मेडिकल टीम में शामिल महुआ पीएचसी के डॉ अमर कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक प्रकाश कुमार, बीसीएम आफताब आलम के साथ महुआ नप के सभापति नवीन चंद्र भारती, वसीम आलम, आशा कर्मी शर्मिला आदि पीड़ित के घर पहुंचकर परिजनों से विभिन्न जानकारियां हासिल की। चमकी से मौत का महुआ क्षेत्र में यह पहला केस माना जा रहा है। मनीष की पहली बच्ची थी लक्ष्मी: मृतिका डेढ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी अपने पिता मनीष राम की पहली संतान थी। मनीष राम फेरी में ब्रेड, चाकलेट आदि बेचकर घर परिवार चलाते हैं। वही दादा योगेंद्र राम मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि बच्ची को बुखार के साथ चमकी के लक्षण आई थी। जिसे वह हल्के में लिए और इलाज के लिए महुआ के एक बच्चा अस्पताल में ले गए। जहां से उसे स्थिति गंभीर बताते हुए रेफर कर दिया गया था। यह भी बताया जा रहा है कि बच्ची को विभिन्न टीका के साथ जेई का टीका भी बीते 22 मार्च कोई लगाया गया था। टीम ने माना बच्ची कुपोषित और कमजोर थी: मेडिकल टीम द्वारा बताया गया कि बच्ची कुपोषित और कमजोर थी। जिसे अनुमंडल अस्पताल में चल रहे एनआरसी में रखा गया था। उन्होंने यह भी बताया कि बच्ची की मौत का कारण एनएमसीएच द्वारा चमकी के लक्षण बताए गए हैं। इधर चमकी से बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन सजग होते हुए उक्त बस्ती में ओआरएस का वितरण कराकर बीमारी के लक्षण और बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया।

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